Mumbai Metro: मुंबई मेट्रो के विस्तार का काम तेज, ट्रायल ऑपरेशन की शुरुआत के बाद बोले डिप्टी सीएम- राजनीतिक वजहों से रुका काम
Mumbai Metro News: ट्रायल रन के मौके पर डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि, मेट्रो लाइन-3 कार शेड परियोजना का विरोध पर्यावरणीय कारणों से ज्यादा राजनीतिक वजहों से किया गया है.
Mumbai News: मुंबई मेट्रो (Mumbai Metro) के विस्तार का काम तेजी के साथ किया जा रहा है. इसी कड़ी में मंगलवार को मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (Mumbai Metro Rail Corporation Limited) आरे कॉलोनी के सारिपुट नगर में कोलाबा-बांद्रा-एसईईपीजेड मेट्रो लाइन फेज-3 का ट्रायल रन किया. इस मौके पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस मौजूद रहे और ट्रायल रन के लिए मेट्रो ट्रेन को हरी झंडी भी दिखाई.
मेट्रो लाइन-3 कार शेड परियोजना पर काम तेज
ट्रायल रन के मौके पर डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मेट्रो लाइन-3 कार शेड परियोजना का कुछ लोग विरोध कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ये विरोध पर्यावरणीय कारणों से ज्यादा राजनीतिक वजहों से किया गया है. मुंबई मेट्रो की तीसरी लाइन में 33.5 किलोमीटर लंबा अंडरग्राउंड रेलवे शामिल है. ये लाइन दक्षिण मुंबई के कोलाबा को महानगर के पश्चिमी उपनगरों से जोड़ेगी. इस रूट के शुरू होने के बाद उपनगरीय लोकल ट्रेन सेवा पर यात्रियों की भीड़ का दबाव कम होगा.
विवादों में फंसा रहा है प्रोजेक्ट
वहीं ट्रायल रन के मौके पर सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम फडणवीस ने मेट्रो ट्रेन के अंदर जाकर जायजा भी लिया. इस मौके पर एमएमआरसीएल के प्रबंध निदेशक अश्विनी भिड़े भी कार्यक्रम में मौजूद रहे. दरअसल शिंदे सरकार ने इसी साल 30 जून को संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान के पास वन भूमि ‘आरे’ में मेट्रो कार शेड के निर्माण का फैसला पलट दिया था. दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पिछले महीने राज्य की नयी सरकार से आरे में कार शेड के निर्माण की योजना पर आगे नहीं बढ़ने की अपील की थी.
राजनीतिक कारणों से हो रहा विरोध-फडणवीस
इसे लेकर डिप्टी सीएम फडणवीस ने कहा कि मेरी राय में मेट्रो लाइन-3 परियोजना का विरोध पर्यावरणीय कारणों के बजाय राजनीतिक वजहों से ज्यादा हो रहा है. लाइन-3 पर मेट्रो परिचालन शुरू होने के बाद रोजाना औसतन 17 लाख लोग इस पर यात्रा करेंगे. इसके शुरू होने के साथ सड़कों पर लगभग सात लाख वाहन घट जाएंगे.
उद्धव सरकार का फैसला पलटा
दरअसल ये परियोजना पर्यावरणीय कारणों से विरोध के लिए भी चर्चा में रही है. दरअसल पहली बार साल 2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने आरे में मेट्रो लाइन-3 कार शेड बनाने का प्रस्ताव किया था. जिसे स्थानीय एनजीओ ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. इस याचिका में पूरे इलाके में मौजूद पेड़ों का कटान रोकने की मांग की गई थी. इसके बाद मुख्यमंत्री फडणवीस ने भी इस स्थान पर कार शेड के निर्माण की योजना को आगे बढ़ाया था. हालांकि सरकार के इस कदम का पर्यावरण प्रेमियों ने जमकर विरोध किया था.
शिंदे सरकार ने पलटा पिछली सरकार का फैसला
2019 में गठबंधन सरकार ने इस मेट्रो लाइन-3 कार शेड की जगह को बदल दिया था. इस प्रोजेक्ट को कांजुरमार्ग पूर्वी उपनगर में शिफ्ट कर दिया गया था. हालांकि ये पूरा मामला कानूनी पचड़ों में फंसा रहा. जिसके बाद तत्कालीन उद्धव सरकार ने आरे को आरक्षित वन क्षेत्र भी घोषित कर दिया था. अब हाल में मुख्यमंत्री शिंदे और उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में पूर्ववर्ती उद्धव सरकार के फैसले को पलट दिया था.