Mumbai Corona Update: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में कोरोना के मामले बढ़ने दहशत मच गई है. शुक्रवार को जहां पूरे महाराष्ट्र में 3,081 नए कोरोना के मामले दर्ज किए गए वहीं इसमें से अकेले में 1,956 संक्रमण अकेले मुंबई से थे. 23 जनवरी के बाद पहली बार, मुंबई ने शुक्रवार को कोरोना के इतने मामले दर्ज किए. यह 15 प्रतिशत की वृद्धि है, क्योंकि शहर ने एक दिन पहले 1,702 मामले दर्ज किए थे. शहर में परीक्षण सकारात्मकता दर (टीपीआर) यानी किए गए कुल परीक्षणों में से सकारात्मक मामलों की संख्या, शुक्रवार को 12.74 प्रतिशत तक पहुंच गई.


 परीक्षण सकारात्मकता दर बढ़ने से हड़कंप


बता दें कि बीएमसी ने मंगलवार को परीक्षण संख्या बढ़ाकर 17,145 कर दी थी, इसलिए 1,242 नए मामले दर्ज होने के साथ टीपीआर घटकर 7.2 प्रतिशत हो गया था. अगले दिन, 19,185 परीक्षण किए गए और 1,765 नए संक्रमण पाए गए. टीपीआर तब 9.1 प्रतिशत था और डेली केसलोड 42 प्रतिशत बढ़ गया था. गुरुवार को, परीक्षण संख्या 17,648 हो गई, जिसमें मुंबई में 9.64 प्रतिशत की टीपीआर के साथ 1,702 नए मामले दर्ज किए गए.


वहीं अब शुक्रवार को परीक्षण सकारात्मकता दर बढ़कर 12.74 प्रतिशत हो गई, क्योंकि परीक्षण के आंकड़े 15,346 ही रहे. 21-27 दिसंबर, 2021 के बीच, मुंबई में तीसरी लहर शुरू होने से एक सप्ताह पहले शहर में 2,45,538 टेस्ट किए गए थे. प्रतिदिन औसतन 35,000 से अधिक परीक्षण किए गए थे, इनमें से 1.7 फीसदी टीपीआर के साथ 4,263 मामलों का पता चला. इसके ठीक विपरीत, वर्तमान टीपीआर 9-13 प्रतिशत के बीच बना हुआ है.


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विशेषज्ञों ने कही ये बात


स्वास्थ्य विशेषज्ञ चिंतित हैं कि मुंबई में कम टेस्टिंग से ज्यादा कोरोना मामलों के मामले रिपोर्ट नहीं होंगे. स्कूल ऑफ हेल्थ सिस्टम स्टडीज, टीआईएसएस से सौमित्र घोष ने कहा, “किसी भी महामारी में परीक्षण, निगरानी और रोकथाम उपायों में प्राथमिकता रखता है. कम परीक्षण बाद में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को प्रभावित कर सकते हैं."


हालांकि, संक्रमण की गंभीरता कम होने के कारण, स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चौथी लहर के आगमन की अटकलों को खारिज कर दिया. बकौल इंडियन एक्सप्रेस, संक्रामक रोगों के विशेषज्ञ डॉ ईश्वर गिलाडा ने कहा, "केवल ध्यान देने योग्य परिवर्तन ओमाइक्रोन के बीए.4 और बीए.5 उप-वेरिएंट की संभावना है, जो कम टीकाकरण के साथ मिलकर बढ़ रहे हैं. जब तक ऑक्सीजन और अस्पताल के बिस्तरों की मांग नहीं बढ़ेगी और मौतों की सूचना नहीं आएगी, तब तक चिंता का कोई कारण नहीं है”


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