Maharashtra News: मुंबई की एक मजिस्ट्रेट अदालत ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता मोहित कंबोज और अन्य के खिलाफ सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया धोखाधड़ी मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की ‘क्लोजर रिपोर्ट’ को स्वीकार कर लिया. अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट वी आर पाटिल ने केंद्रीय जांच एजेंसी की ‘क्लोजर रिपोर्ट’ को स्वीकार करने के साथ मामले का निपटारा कर दिया.


मजिस्ट्रेट अदालत ने पिछले साल अक्टूबर में सीबीआई की ‘क्लोजर रिपोर्ट’ को खारिज करते हुए कहा था कि प्रथमदृष्टया आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और जालसाजी का मामला सभी आरोपियों के खिलाफ पूरी तरह से स्थापित है.


‘धोखाधड़ी का कोई अपराध नहीं बनता’
फरवरी 2024 में विशेष सीबीआई अदालत ने मजिस्ट्रेट के आदेश को खारिज कर दिया और मजिस्ट्रेट अदालत को मामले की नए सिरे से सुनवाई करने का निर्देश दिया। सीबीआई की ओर से पेश विशेष सरकारी वकील ने दलील दी कि जांच के दौरान कर्जदारों की ओर से बेईमानी का कोई इरादा नहीं पाया गया. उन्होंने कहा कि कर्जदारों ने संबंधित बैंक के साथ एकमुश्त भुगतान का समझौता किया था, इसलिए इस मामले में धोखाधड़ी का कोई अपराध नहीं बनता.


जांच एजेंसी के अनुसार, टेनेट एक्जिम प्राइवेट लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक कंबोज और कई अन्य ने ऋण सुविधा प्राप्त करने के लिए जाली दस्तावेज प्रस्तुत करके सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया से कथित तौर पर 103 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की. सीबीआई ने अदालत को ‘क्लोजर रिपोर्ट’ सौंपते हुए कहा था कि जांच में किसी भी तरह की गलतबयानी या झूठ का खुलासा नहीं हुआ है.


बता दें कि इससे पहले नवंबर 2023 में मुंबई की एक अदालत ने बीजेपी नेता मोहित कंबोज और कई अन्य लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी के मामले को बंद करने की सीबीआई की रिपोर्ट को खारिज कर दिया था. इन सभी पर सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया से 103 करोड़ रुपये की गड़बड़ी का आरोप था.


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