Mumbai Corona Cases: मुंबई में कोरोना केस तेजी से कम हो रहे हैं. लगातार तीसरे दिन मुंबई में कोरोना के नए मामलों में कमी देखी गई. लेकिन इस बीच एक बड़ा सवाल सामने आया है कि क्या तीसरी लहर खत्म हो रही है या सरकार के पास सही आंकड़े नहीं पहुंच रहे. इस बारे में सेल्फ कोविड टेस्ट किट खतरा बन गयी है. BMC मुंबई में कोरोना सेल्फ टेस्ट किट की बिक्री पर सतर्क हो गई है और खुद से कोविड टेस्ट करके जानकारी छुपाने वालों पर कारवाई करने की तैयारी कर रही है.
घर पर सेल्फ टेस्ट करने वालों का आंकड़ा सरकार को नहीं मिल पा रहा है
बता दें कि कोरोना सेल्फ टेस्ट किट आजकल ऑनलाइन या मेडिकल स्टोर पर आसानी से मिल जाती है. इस किट के सहारे घर पर ही खुद कोरोना टेस्ट किया जा सकता है. लेकिन ये सुविधा बीएमसी के लिए चिंता बन गई है. चिंता की बात यह है कि जो लोग किट के जरिए टेस्ट कर रहे हैं उसका आंकड़ा सरकार को नहीं मिल पा रहा. जिसकी वजह से सरकार के आंकड़ों पर सवाल उठ रहे हैं.उदाहरण के लिए तीन दिन से मुंबई में कुल केस घट रहे हैं
- 7 जनवरी को 20971 केस थे
- 8 जनवरी को 20318 केस रह गए
- 9 जनवरी को 19474 केस रह गए
- 10 जनवरी को 13648 केस रह गए.
मुंबई में 96000 लोगों ने किट के माध्यम से कोरोना टेस्ट किया है
अब सवाल ये है कि क्या मुंबई में केस कम हो रहे हैं या लोग सरकार को पॉजीटिव होने के बारे में नहीं बता रहे. अब तक मुंबई में 96000 लोगों ने किट के माध्यम से कोरोना टेस्ट किया है. उसमें से सिर्फ 3000 लोगों ने खुद को पॉजिटिव घोषित किया है. वहीं आधिकारिक रूप से टेस्ट किए जाने का आंकड़ा कुछ और कहानी कह रहा है.
- 7 जनवरी को पॉजीटिविटी रेट 28.95 % थी
- 08 जनवरी को पॉजीटिविटी रेट घटकर 28.61 फीसदी रह गई
- 09 जनवरी को पॉजीटिविटी रेट घटकर 28.53 % रह गई
- 10 जनवरी को 23.04 फीसदी रह गई.
जानकारी छिपाने वालों के खिलाफ होगी कार्रवाई
इसके दो ही मतलब हो सकते हैं या तो मुंबई में कोरोना लहर थम गई है या सरकार को सही आंकड़े नहीं मिल रहे. वहीं इस बारे में मुंबई की मेयर किशोरी पेडनेकर का कहना है कि अगर किसी ने जानकारी छिपाई तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी लेकिन अभी किट की बिक्री बंद करने पर फैसला नहीं हुआ है.
बता दें कि सेल्फ कोविड टेस्ट किट जब बाजार में आया था तब बड़ी-बड़ी कंपनियों के लिए बड़े-बड़े सेलिब्रिटी ने इसका प्रचार किया था. अब कई कंपनियों के कोविड टेस्ट किट बाजार में उपलब्ध हैं जो सरकारों के लिए एक चुनौती बन सकते हैं.
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