Maharashtra News: मुंबई नगर निगम के अधिकारियों ने कहा कि साल 2041 तक पीने के पानी की दैनिक मांग में 1.5 गुना बढ़ोतरी होने का अनुमान है. जो मौजूदा समय में 4,463 मिलियन लीटर से बढ़कर 6,900 मिलियन लीटर हो जाएगी. अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल मौजूदा समय में ही पानी की मांग पूरी नहीं हो पा रही है.
मौजूदा समय में 3,950 मिलियन लीटर प्रति दिन (एमएलडी) पानी सात झीलों से आ रहा है. जिसमें 48% भाटसा झील से, 16% अपर वैतरणा झील से, 12% मिडिल वैतरणा झील से, 11% मोदक सागर झील से, 10% तानसा झील से और बाकी संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान में स्थित तुलसी और विहार झील से रहा है.
BMC तीन नए बांध परियोजना पर कर रही है काम
वहीं, बीएमसी अब तीन और बांध बनाकर पानी की कमी को पूरा करने की कोशिश कर रही है. इसमें गरगई बांध 440 एमएलडी, पिंजल बांध 865 एमएलडी और दमनगंगा बांध 1,586 एमएलडी पानी की आपूर्ति करेगा. इसके अलावा, बीएमसी ने पानी की कमी को पूरा करने के लिए मनोरी गांव में 200 एमएलडी क्षमता का एक विलवणीकरण संयंत्र (Desalination Plant) बनाने की योजना बनाई है, जिसे 400 एमएलडी तक बढ़ाया जा सकता है.
हालांकि, इस योजना का काम बहुत धीरे चल रहा है. एक अधिकारी ने कहा, "यह परियोजना केवल इसलिए बनाई गई है कि अगर मानसून सीजन में अच्छी बारिश न हो तो शहरवासियों के पास पानी का कोई और ऑप्शन हो." बीएमसी के हाइड्रोलिक्स विभाग के चीफ इंजीनियर पुरुषोत्तम मालवडे ने कहा, "6900 एमएलडी पानी की मांग का अनुमान इस आधार पर लगाया है कि 2041 तक मुंबई की आबादी 1.7 करोड़ तक पहुंच जाएगी."
उन्होंने कहा, "इसलिए बीएमसी बढ़ी हुई पानी की जरूरतों के लिए अभी से तैयारी कर रही है. साथ ही नगर निकाय मिडिल वैतरणा झील और मोदक सागर झीलों के बीच एक छोटे बांध को बनाने की योजना के साथ अतिरिक्त पानी निकालने की भी योजना बना रहा है."