Maharashtra HSC Result: पासिंग परसेंटेज के मामले में 9 डिवीजन में सबसे फिसड्डी रहा मुंबई, सामने आई ये वजह
Mumbai: मुंबई डिवीजन में परीक्षा पास करने वाले छात्रा को प्रतिशत भले ही पिछले साल के मुकाबले कम हो, लेकिन 90 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वालों में सबसे अधिक छात्र मुंबई डिवीजन के ही हैं.
HSC Result: महाराष्ट्र स्टेट बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एंड हायर सेकेंडरी एजुकेशन ने हायर सेकेंडरी सर्टिफिकेट (HSC) परीक्षाओं यानी 12वीं के नतीजे बुधवार को घोषित किये. इस साल राज्य में 12वीं कक्षा का कुल पासिंग परसेंटेज 94.22% रहा, जिसमें पास होने वाली लड़कियों का प्रतिशत 95.35 तबकि लड़का का प्रतिशत 93.29 रहा. उत्तीर्ण होने वाले छात्रों के प्रतिशत के मामले में मुंबई डिवीजन सबसे कम 90.91 प्रतिशत के साथ सभी नौ डिवीजनों में सबसे फिसड्डी साबित हुआ. पिछले साल जब महामारी के कारण परीक्षाएं रद्द कर दी गई थीं, तब मुंबई 99.79 के उत्तीर्ण प्रतिशत के साथ सभी डिवीजनों में दूसरे स्थान पर रहा था. उस दौरान रिजल्ट आंतरिक मूल्यांकन और पहले के शैक्षणिक रिकॉर्ड पर छात्रों के मूल्यांकन के लिए तैयार किए गए एक फॉर्मूले के आधार पर घोषित किए गए थे.
कम प्रतिशत पर क्या बोले शिक्षाविद
शहर के शिक्षाविदों ने इस वर्ष के परिणामों की तुलना 2019-20 के परिणामों से करने पर जोर दिया, जब परीक्षाएं महामारी से पहले ऑफलाइन आयोजित की गई थीं. मुंबई डिवीजन का उत्तीर्ण प्रतिशत उस दौरान 89.35 प्रतिशत रहा था और सभी डिवीजनों में वह छठे स्थान पर रहा था. यदि हम परिणामों की 2019-20 के नतीजों से तुलना करें तो इस साल छात्रों का प्रदर्शन बेहतर रहा है. हालांकि, मुंबई डिवीजन का प्रदर्शन - जिसमें मुंबई शहर और उपनगर, ठाणे, रायगढ़ और पालघर शामिल हैं - अभी भी नौ डिवीजनों में सबसे खराब है. शिक्षाविदों ने कहा कि इसके पीछे कई कारक शामिल हैं.
दक्षिण मुंबई के एक जूनियर कॉलेज के प्रोफेसर ने कहा कि खराब प्रतिशत का एक कारण यह भी है कि इस दौरान बच्चों को केवल ऑनलाइन ही पढ़ाया गया. इस दौरान कई छात्र माइग्रेट कर गए जबकि जो छात्र मुंबई में रह गए उनके लिए भी इस दौरान कॉलेज जाना काफी मुश्किल हो गया क्योंकि ट्रेन में केवल टीका लगाने वाले लोगों के लिए ही यात्रा करने की अनुमति थी. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार द्वारा ऑफलाइन कक्षाएं शुरू करने की अनुमति देने के बाद भी कुल कॉलेजों ने ऑनलाइन पढ़ाई जारी रखी.
हालांकि, बोर्ड के मुंबई डिवीजन के चेयरमैन नितिन उपासनी ने इससे इनकार किया. उन्होंने कहा कि जब कॉलेज ऑफलाइन कक्षाएं शुरू नहीं कर सकते थे, उस दौरान बच्चों ने कोचिंग में अपनी पढ़ाई जारी रखी. कम प्रतिशत को लेकर उपासनी ने कहा कि यह महज एक संख्या है. मुंबई डिवीजन में बोर्ड परीक्षा में बैठने वाले छात्रों की संख्या सबसे अधिक है और कुल पासिंग परसेंटेज से यह साफ दिखाई देता है. उन्होंने कहा कि इस साल मुंबई डिवीजन से एचएससी परीक्षा के लिए 3 लाख 23 हजार 563 छात्र उपस्थित हुए हैं, जिनमें से 2 लाख 94 हजार 164 छात्रों ने परीक्षा पास की है.
90 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले सबसे अधिक मुंबई डिवीजन के छात्र
उपासनी ने आगे कहा कि मुंबई डिवीजन की सख्त सतर्कता नीति है. उन्होंने कहा कि इस साल ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां उम्मीदवारों ने गैर-शैक्षणिक गलतियां की हैं, उत्तर पुस्तिकाएं फटी हुई पाई गईं, व्हाइटनर का इस्तेमाल किया गया था, सीट संख्या ठीक से नहीं लिखी गई थी और पेपर-चेकर को संबोधित करने वाले व्यक्तिगत संदेश उत्तर पुस्तिकाओं पर लिखे गए थे. हालांकि एक तथ्य यह भी है कि जहां मुंबई का कुल पासिंग परसेंटेज सभी नौ जिलों में सबसे कम था, वहीं 90 प्रतिशत और उससे अधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्रों की संख्या मुंबई डिवीजन में सबसे अधिक है. गौरतलब है कि राज्य भर में 10,047 छात्रों ने 90 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किये हैं, उनमें से 2,766 अकेले मुंबई डिवीजन से हैं.
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