Elgaar Parishad Case: एल्गार परिषद (Elgaar Parishad) मामले के आरोपी गौतम नवलखा और सागर गोरखे द्वारा मच्छरदानी की मांग करने वाले आवेदनों के जवाब में, तलोजा सेंट्रल जेल अधिकारियों ने कहा है कि मच्छरदानी विचाराधीन कैदियों के लिए एक सुरक्षा चिंता का विषय है. जेल अधिकारियों ने कहा कि मच्छरदानी को लगाने के लिए लंबी रस्सी की आवश्यकता होती है और इसलिए, यह उन विचाराधीन कैदियों के लिए एक सुरक्षा जोखिम है जो खुद को या दूसरों को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं.


जेल प्रशासन ने दिया ये जवाब


उन्होंने यह भी कहा कि वे जेल परिसर को बदनाम करने के लिए कदम उठा रहे हैं जबकि जेल की कैंटीन में मच्छर भगाने वाले अन्य साधन उपलब्ध हैं. आरोपियों ने जेल में मच्छरदानी की मांग करते हुए कहा था कि जेल अधिकारियों ने उन्हें पिछले महीने एक जांच के दौरान जब्त कर लिया था. अदालतों को इसके लिए 11 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें एल्गार परिषद के आरोपी भी शामिल थे. अदालत ने कहा कि वह दलीलों पर विचार करेगी और आदेश पारित करेगी.


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दिसंबर 2017 में हुआ था एल्गार परिषद केस


बता दें कि पुलिस के मुताबिक कुछ कार्यकर्ताओं ने 31 दिसम्बर 2017 को पुणे में एल्गार परिषद की बैठक में कथित रूप से उत्तेजक और भड़काऊ भाषण दिया था, जिससे अगले दिन जिले के कोरेगांव भीमा में हिंसा भड़की थी. यह भी आरोप है कि इस कार्यक्रम को कुछ मओवादी संगठनों का समर्थन प्राप्त था. वहीं इससे पूर्व एल्गार परिषद केस में गिरफ्तार आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता स्टेन स्वामी का 84 साल की उम्र में निधन हो गया था.


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