Shiv Sena Uddhav Faction On Cabinet Expansion: महाराष्ट्र कैबिनेट में शिवसेना के बागी विधायक संजय राठौड़ (Sanjay Rathod) और अब्दुल सत्तार (Abdul Sattar) को शामिल किए जाने के बाद मुंबई की पूर्व मेयर किशोरी पेडनेकर ने दावा किया कि बीजेपी एक वॉशिंग मशीन की तरह है और एक बार नेता वहां जाते हैं, तो वे साफ हो जाते हैं. राठौड़, जो पिछली उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार का हिस्सा थे, ने पिछले साल एक महिला की मौत के कथित संबंध को लेकर इस्तीफा दे दिया था. हाल ही में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) 2019-20 में कथित धांधली के मामले में अयोग्य ठहराए गए और प्रतिबंधित किए गए 7,880 उम्मीदवारों की सूची में सत्तार की तीन बेटियों और एक बेटे के नाम सामने आए.


एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र कैबिनेट में दोनों नेताओं के शामिल होने के बाद, उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट से ताल्लुक रखने वाले पेडनेकर ने कहा, "यह (भाजपा) वॉशिंग मशीन की तरह है. एक बार जब वे वहां जाते हैं, तो वे बाहर आ जाते हैं. स्वच्छ." मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि राठौड़ को पुलिस ने क्लीन चिट दे दी थी जब एमवीए सत्ता में थी. इसलिए उन्हें राज्य मंत्रिमंडल में शामिल किया गया.


कुल 18 विधायकों ने ली आज शपथ


शिंदे और शिवसेना के 39 अन्य विधायकों ने इस साल जून में पार्टी नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह किया था, जिसके कारण ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार गिर गई थी. 30 जून को शिंदे ने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने डिप्टी सीएम के रूप में शपथ ली. सीएम शिंदे ने मंगलवार को अपने दो सदस्यीय मंत्रालय का विस्तार किया. संजय राठौड़ और अब्दुल सत्तार सहित अठारह विधायकों ने दक्षिण मुंबई के राजभवन में कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली. राठौड़ (51) यवतमाल जिले से चार बार शिवसेना के विधायक हैं. सत्तार (54) मराठवाड़ा से तीन बार के विधायक हैं. वह अपने पहले दो कार्यकालों में कांग्रेस के साथ थे और 2019 में शिवसेना में शामिल हो गए.


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सीएम शिंदे ने सरकार का किया बचाव


इस बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शिवसेना विधायक संजय राठौड़ को मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने का मंगलवार को बचाव करते हुए कहा कि पुलिस ने एक महिला की मौत के मामले में उन्हें क्लीन चिट दे दी थी. मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा, ‘‘एमवीए सरकार के दौरान उन्हें (राठौड़) क्लीन चिट दे दी गयी थी, इसलिए उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है. पुलिस ने उन्हें क्लीन चिट दी थी. अगर किसी को इस पर और कुछ कहना है तो उसकी बात भी सुनी जा सकती है.’’ शिंदे ने उन दावों को भी खारिज किया कि संजय शिरसाट समेत कुछ बागी विधायक मंत्रिमंडल में शामिल न किए जाने से नाराज हैं.


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