Param Bir Singh Suspension: मुंबई (Mumbai) के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह (Parambir Singh), जिन्हें महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार ने निलंबित कर दिया गया था और उनके खिलाफ मामले दर्ज किए गए थे, ने अपनी सेवानिवृत्ति से दो सप्ताह पहले अपने निलंबन को चुनौती दी है. महाराष्ट्र कैडर से, वर्तमान मुंबई पुलिस आयुक्त संजय पांडे और सिंह 30 जून को सेवानिवृत्त होंगे. सूत्रों ने कहा कि सिंह यह सुनिश्चित करना चाहते थे कि वह एक निलंबित अधिकारी के टैग के साथ सेवानिवृत्त न हों. यह कदम उन्हें पेंशन का दावा करने के योग्य भी बना सकता है.


एक सूत्र ने बताया, 'दो हफ्ते पहले परम बीर सिंह ने अपने निलंबन को गृह मंत्रालय (एमएचए) के समक्ष चुनौती दी थी. जबकि आम तौर पर आईपीएस अधिकारी सेवा से संबंधित शिकायतों के लिए केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (सीएटी) से संपर्क करते हैं, जब एक अधिकारी को तीन महीने से अधिक समय तक निलंबित कर दिया जाता है, तो एमएचए शिकायत को उठाने के लिए प्रासंगिक प्राधिकारी होता है.


गृह मंत्रालय से परमबीर ने किया संपर्क


सूत्र ने कहा कि निलंबन को रद्द किया जाना है या नहीं, इस पर अगले कुछ दिनों में फैसला किया जाएगा. यदि गृह मंत्रालय को उनके तर्क में दम लगता है, तो उनका निलंबन रद्द किया जा सकता है और वह ऑन-ड्यूटी के अधिकारी के रूप में सेवानिवृत्त हो सकते हैं. वह निलंबन में थे और इसलिए, उन्होंने एमएचए से संपर्क किया. बकौल इंडियन एक्सप्रेस, एक सरकारी अधिकारी ने पुष्टि की कि लगभग दो सप्ताह पहले महाराष्ट्र सरकार को भी इसकी सूचना मिली थी.


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ऐसे सस्पेंड हुए परमबीर सिंह


एक अधिकारी ने कहा कि यदि निलंबन रद्द कर दिया जाता है, तो सिंह भी पेंशन भुगतान के लिए पात्र हो सकते हैं, बशर्ते उनकी विभागीय जांच को मंजूरी दे दी गई हो. बाद में उन्होंने तत्कालीन राज्य के गृह मंत्री और एनसीपी नेता अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए एक पत्र लिखा, जिसके कारण अनिल देशमुख को इस्तीफा देना पड़ा और अंततः उनकी गिरफ्तारी हो गई. बाद में, जबरन वसूली के आरोप में सिंह के खिलाफ कुल पांच प्राथमिकी दर्ज की गईं, जबकि एक मामले में मुंबई पुलिस द्वारा आरोप पत्र दायर किया गया था. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) द्वारा उनके खिलाफ की जा रही दो जांचों सहित सभी मामलों को अंततः सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सीबीआई को सौंप दिया गया था. फिलहाल सीबीआई मामले की जांच कर रही है.


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