Mumbai Influenza Update:  बीएमसी द्वारा 28 मार्च को जारी की गई  'इन्फ्लुएंजा स्टेटस' रिपोर्ट में सामने आया है कि शहर में इस वर्ष यानी 2023 में  इन्फ्लुएंजा के  141 केस दर्ज हुए हैं और शून्य मौत दर्ज हुई हैं. वहीं, मार्च महीने में मुंबई में इंफ्लूएंजा के 76 मामले सामने आए हैं जिनमें से  एच3एन2 के 21 और  एच1एन1 के 55 मामले दर्ज हुए हैं. बीएमसी की रिपोर्ट के मुताबिक 19 केस जनवरी, 46 केस फरवरी और मार्च में (27 मार्च तक)  76 केस दर्ज हुए हैं.


14 मरीजों का अस्पताल में इलाज जारी
वहीं मुंबई के विभिन्न अस्पतालों में इंफ्लूएंजा के 76 में से 14 मरीजों का इलाज चल रहा है जिसमें से एच1एन1 के 5 और एच3एन2 के 9 मरीज शामिल हैं और इन सभी की हालत स्थिर बताई जा रही है. वार्ड A, D, FS और GS हाई रिस्क जोन हैं, जहां मरीजों की संख्या अधिक दर्ज हो रही है. 


इन्फ्लुएंजा को नियंत्रित करने के लिए क्या-क्या उपाए किए गए?



  • मुंबई के सभी मेडिकल कॉलेजों, नगरपालिका अस्पतालों, डिस्पेंसरियों और प्रसूति गृहों में  ओसेल्टामिविर नामक वैक्सीन निशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है. वहीं संबंधित संस्थानों में मरीजों के इलाज के लिए  ओसेल्टामिविर का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध कराया गया है. किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए बफर स्टॉक सभी प्रमुख अस्पतालों में उपलब्ध है.

  • कस्तूरबा और केईएम अस्पताल में ओसेल्टामिविर की 400 किस उपलब्ध कराई गई हैं, इन दोनों में से प्रत्येक अस्पतालों में प्रतिदिन 200 टेस्ट करने की क्षमता है.

  • आइसोलेशन बेड के रूप में कस्तूरबा अस्पताल, सभी चार मेडिकल कॉलेजों सायन, केईएम, कूपर और नायर, 17 पेरिफेरल अस्पतालों में मरीजों को भर्ती करने की सुविधा है. इन अस्पतालों में  वेंटिलेटरी सपोर्ट की सुविधा उपलब्ध है. वहीं सभी प्रमुख निजी अस्पतालों में इन्फ्लुएंजा पॉजिटिव रोगियों के इलाज की सुविधा है.

  • सभी निजी चिकित्सकों को दिशा-निर्देश दिए गए हैं कि यदि 24 घंटे के भीतर बुखार कम नहीं होता है तो टेस्ट के रिजल्ट का इंतजार किए बिना ही मरीज को ओसेल्टामिविर का ट्रीटमेंट दें. साथ ही स्वास्थ्य डाक कर्मियों को घर-घर सर्वे कर बुखार के मरीजों की पहचान करने और क्षेत्र में स्वास्थ्य जागरूकता गतिविधियां देने के दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं.

  • इसके अलावा बीएमसी ने लोगों को भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचने, छींकते और खांसते समय नाक को ढंकने, बुखार, गले में खराश, सर्दी, खांसी और शरीर में दर्द होने जैसे लक्षण दिखाई देने पर आराम करने को कहा गया है.


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