Mumbai News: मुंबई में चलते ऑटो रिक्शा पर गिरा लोहे का पाइप, मां-बेटी की मौत से छाया मातम
Jogeshwari Auto Accident: मुंबई नगर निगम के एक अधिकारी ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि जिस निर्माणाधीन इमारत में ताजा दुर्घटना घटी है, वह झुग्गी पुनर्वास प्राधिकरण की परियोजना थी.

Mumbai Auto Accident News: मुंबई के जोगेश्वरी (Jogeshwari) में शनिवार शाम एक निर्माणाधीन इमारत की सातवीं मंजिल से लोहे का पाइप ऑटो रिक्शा पर गिर जाने से 28 वर्षीय एक महिला और उसकी 9 वर्षीय बेटी की मौत हो गई. यह दर्दनाक हादसा वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे (Western Express Highway) के पास शाम करीब 5.45 बजे हुई.
मुंबई नगर निगम के एक अधिकारी ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि जिस निर्माणाधीन इमारत में ताजा दुर्घटना घटी है, वह झुग्गी पुनर्वास प्राधिकरण (एसआरए) की परियोजना थी. उन्होंने कहा कि 14 मंजिला इमारत के मचान की सातवीं मंजिल से लोहे की छड़ गिरने से ये हादसा हुआ.
मां-बेटी दोनों की मौत
ऑटो रिक्शा में सवार 28 वर्षीय शमा बानो आसिफ शेख और उनकी 9 वर्षीय बेटी आयत आसिफ शेख 7वीं मंजिल से गिरने वाले लोहे के पाइप की चपेट में आने से बुरी तरह घायल हो गए. इस दौरान एक राहगीर ने सिविक हेल्पलाइन को सूचित करने के साथ ही उन्हें नजदीकी ट्रॉमा केयर अस्पताल ले गए. जहां डॉक्टरों ने महिला को मृत घोषित कर दिया, जबकि बच्ची को अंधेरी के कोकिलाबेन अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान बच्ची मौत हो गई.
इससे पहले वर्ली इलाके में हुआ था हादसा
इस त्रासदी से पहले पिछले महीने वर्ली इलाके में एक सीमेंट ब्लॉक की चपेट में आने से दो लोगों की मौत हो गई थी. यहां भी सीमेंट ब्लॉक निर्माणाधीन इमारत से गिरा था. गौरतलब है कि 14 फरवरी को मध्य मुंबई के वर्ली में निर्माणाधीन फोर सीजन प्राइवेट रेजिडेंस प्रोजेक्ट की 52वीं मंजिल से एक बड़ा सीमेंट ब्लॉक गिर गया था. इस दौरान परिसर के बाहर खड़े दो लोगों की इसकी चपेट में आने से मौत हो गई थी. इसके बाद डेवलपर की ओर से उचित देखभाल की कमी का आरोप लगाते हुए आस-पास के निवासियों ने बॉम्बे हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी.
कोर्ट ने दिया था ये फैसला
इस मामले में हाईकोर्ट ने गुरुवार को ही अपना फैसला सुनाया था. कोर्ट ने अपने आदेश में बीएमसी से गगनचुंबी इमारतों के निर्माण में क्रेन के इस्तेमाल के लिए सुरक्षा दिशा-निर्देश तैयार करने को कहा था. जस्टिस जीएस कुलकर्णी और जस्टिस आरएन लड्डा की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा कि यह सही समय है, जब बीएमसी निर्माण स्थलों पर सुरक्षा आवश्यकताओं पर विशेष ध्यान दे. इसके साथ ही कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि हम दृढ़ता से मानते हैं कि हर व्यक्ति को स्वतंत्र रूप से हर उस जगह पर घूमने-फिरने का अधिकार, जो वास्तविक निर्माण स्थल नहीं हैं. कोर्ट ने कहा कि अगर किसी निर्माण की वजह से सार्वजनिक जगहों पर लोगों के लिए मरने या चोट लगने का खतरा उत्पन्न करता है, तो इसे निश्चित रूप से संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत गारंटीकृत आजीविका के मौलिक अधिकार का उल्लंघन माना जाएगा.
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