Kirti Vyas Murder Case Update: मुंबई के कीर्ति व्यास मर्डर मामले में कोर्ट ने सजा का ऐलान कर दिया है. मंगलवार (28 मई) को सेशन कोर्ट ने गिरफ़्तार दो आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. कोर्ट ने आरोपी सिद्धेश ताम्हानकर और खुशी सजवानी को उम्रकैद की सजा सुनाई. कोर्ट ने दोनों आरोपियों को IPC की धारा 302 यानी हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई है.


इसके साथ ही अदालत ने IPC की धारा 363 यानी अपहरण मामले में 10 साल की सजा और IPC की धारा 201 यानी सबूत मिटाने के मामले में 7 साल की सजा सुनाई है. 


क्या था पूरा मामला? 


बता दें कि कीर्ति व्यास और दोनों आरोपी बी ब्लंट नाम के सलून में काम करते थे, आरोपी कर्मचारी थे और कीर्ति फाइनेंस मैनेजर थी. जानकारी के मुताबिक सिद्धेश ताम्हानकर ठीक से काम नहीं कर रहा था, जिसकी वजह से कीर्ति ने उसे एक महीने का नोटिस दिया था. खुशी सिद्धेश की गर्लफ्रेंड थी. कीर्ति की ओर से जारी नोटिस से नाराज सिद्धेश और खुशी ने कीर्ति को मारने का प्लान बनाया था.


16 मार्च 2018 को कीर्ति जब लापता हो गई तब उसके परिवार के लोगों ने उसकी मिसिंग कंप्लेन लिखाई थी. किसी को शक ना हो इसलिए दोनों आरोपी सिद्धेश और खुशी भी उसे ढूंढने का नाटक करने लगे लेकिन जब जांच आगे बढ़ी और सीसीटीवी की जांच की गई तब पता चला कि जिस दिन कीर्ति गायब हुई उस दिन के CCTV फुटेज में कीर्ति के घर के पास सिद्धेश खड़ा दिख रहा था. 


खून के एक बूंद से हत्यारे का खुलासा


जांच के दौरान चार महीने बाद पुलिस को खुशी के गाड़ी की डिक्की में FSL विभाग को खून के कण मिले. जिसके बाद पुलिस ने उस खून के ड्राप से DNA निकाला था और उस DNA से कीर्ति के मां बाप के DNA से मैच कराया गया जो मैच हो गया था. इस आधार पर पुलिस ने मामले में सिद्धेश और खुशी को गिरफ़्तार कर लिया था. 


अपहरण के बाद की गई थी कीर्ति की हत्या


सिद्धेश और खुशी ने कीर्ति का 16 मार्च 2018 को अपहरण किया बाद में उसे चलती गाड़ी में गला घोटकर मार दिया था. फिर शाम के समय कीर्ति का शव वडाला की खाड़ी में फेक दिया था. यह मामला न्यायाधीश एम जी देशपांडे की कोर्ट में पिछले 6 साल से चल रहा था और आज कोर्ट ने फैसला सुनाया. इस मामले में पुलिस को कीर्ति का शव आज तक नहीं मिला.


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