BEST Bus Accident: मुंबई के कुर्ला में हुए बेस्ट बस हादसे में 7 लोगों की जान चली गई और करीब पचास लोग इस हादसे में घायल हो गए. लेकिन सवाल ये है कि इतना बड़ा हादसा आखिर हुआ कैसे. इस सवाल का जवाब आरोपी संजय मोरे ने पुलिस पूछताछ में दिया है.


पुलिस सूत्रों के मुताबिक कुर्ला बस दुर्घटना मामले में आरोपी संजय मोरे ने गलती से बस के क्लच की जगह एक्सीलेटर पर पैर रख दिया. संजय को भारी वाहन चलाने का कोई अनुभव नहीं था, पहले संजय मिनी बस चलाता था. इन बसों में क्लच, ब्रेक और एक्सीलेटर थे. इसी तरह 10 दिन की ट्रेनिंग के बाद संजय को सीधे एक बड़ी बस चलाने को दे दी गई.


क्लच की जगह दबाया एक्सीलरेटर
दुर्घटना के समय उसने क्लच को 'एक्सीलरेटर' समझ लिया और 'एक्सीलेटर' पर पैर रख दिया, जिससे बस रुकने के बजाय तेज हो गई. जिस सड़क पर दुर्घटना हुई, उस सड़क पर भीड़ को देखकर संजय आगे बढ़े और अनियंत्रित बस को रोकने के लिए बस को सुरक्षा दीवार से टकरा दिया.


आरोपी 21 दिसंबर तक हिरासत में
बता दें कि बेस्ट उपक्रम ने मुंबई के कुर्ला इलाके में हुए बस हादसे की जांच के लिए मंगलवार को एक समिति गठित की. इस बीच, यहां की एक अदालत ने बस चालक को 21 दिसंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है. बृहन्मुंबई महानगपालिका (बीएससी) द्वारा संचालित बेस्ट ने एक विज्ञप्ति में बताया कि मृतकों के परिवारों को दो-दो लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा. बेस्ट के मुताबिक जांच समिति की अध्यक्षता मुख्य प्रबंधक (परिवहन) रमेश मडावी करेंगे. बेस्ट हादसे में घायल व्यक्तियों के इलाज का खर्च भी वहन करेगी.


10-10 लाख मुआवजे की मांग
इस बीच, बीजेपी के एक प्रतिनिधिमंडल ने बेस्ट के महाप्रबंधक अनिल दिग्गीकर से मुलाकात की और मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये और घायलों को 50 हजार से दो लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग की.


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