महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में शिवसेना कार्यकर्ता पर जानलेवा हमला मामले में आरोपों में घिरे केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बेटे और बीजेपी विधायक नितेश राणे की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. बॉम्बे हाई कोर्ट ने नितेश राणे की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी है. नितेश राणे के वकील नितिन प्रधान ने बॉम्बे हाईकोर्ट में सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही जिसके लिए अंतरिम राहत की याचिका की. बॉम्बे हाई कोर्ट ने 27 जनवरी तक गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है.
क्या है पूरा मामला
नितेश राणे के खिलाफ मामला शिकायतकर्ता संतोष परब (44) से जुड़ा है, जिसने आरोप लगाया है कि पिछले साल 18 दिसंबर को जब वे कंकावली के नरवदे नाका से बाइक पर जा रहे थे, तो बिना नंबर प्लेट वाली इनोवा कार ने उनकी बाइक को टक्कर मार दी. संतोष परब ने दावा किया कि उसके साथ मारपीट की गई और उसने सुना कि हमलावर कार में सवार किसी अन्य व्यक्ति से कहता है कि उन्हें भागने से पहले "गोत्या सावंत और नितेश राणे को बताना चाहिए".
सुप्रीम कोर्ट है आखिरी उम्मीद ?
इस मामले में नितेश राणे पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. इसलिए नितेश ने पहले सिंधुदुर्ग में निचली अदालत और फिर हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी की लेकिन नितेश राणे को राहत नही मिली. नितेश की दलील रही है कि राजनैतिक द्वेष के चलते उनका नाम जोड़ा जा रहा है. अब नितेश को सुप्रीम कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए अपील करनी होगी. कणकवली पुलिस कई दिनों से बीजेपी विधायक नितेश राणे को इस केस में ढूंढ रही है.
मुम्बई में नितेश राणे के घर सुरक्षा बढ़ी
खबर है कि सिंधुदुर्ग पुलिस घर पर नितेश राणे की तलाश में आ सकती है या कोई कार्यकर्ता पटाखे फोड़ सकता है. ऐसे में कानून व्यवस्था की स्थिति न बिगड़े इसलिए ऐहतियातन पुलिस सुरक्षा बढ़ाई गई है. पुलिस एसआरपीएफ की वैन और जुहू पुलिस के अधिकारी नितेश राणे के घर तैनात हैं. नारायण राणे आज अपने जुहू स्थित घर में प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले थे लेकिन उनके बेटे की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज किए जाने के बाद अब तक नारायण राणे की तरफ से कोई सूचना नही आई है.
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