Road Accident Victim Kin To Get 43 Lakh: मुंबई (Mumbai) में 2016 में सड़क हादसे में अपनी जान गंवाने वाले एक 26 वर्षीय व्यक्ति के परिवार को 43 लाख रुपये की राशि मिली है. दरअसल इस व्यक्ति ने 2016 में एक ऑटो चालक द्वारा वापस लौटने से इनकार करने के 28 रुपये के बदले अपनी जान गंवा दी थी, जिसे अब मुआवजे के रूप में 43 लाख रुपये मिले हैं.


एक सॉफ्टवेयर फर्म के कर्मचारी चेतन अचिर्नेकर ने 172 रुपये के किराए के लिए 200 रुपये दिए थे और जब उन्होंने बचे हुए 28 रुपये मांगा तो ऑटो चालक ने भुगतान किए बिना ऑटो भगाने का प्रयास किया, जिससे वाहन उनके ऊपर गिर गया. चेतन की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उनके पिता ने इस हादसे को देखा. मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण ने फ्यूचर जेनेराली इंडिया इंश्योरेंस के बचाव का खंडन किया कि चूंकि यह एक गैर इरादतन हत्या का मामला था, इसलिए इंश्योरेंस कंपनी उत्तरदायी नहीं है. ट्रिब्यूनल ने मृत्यु प्रमाण पत्र और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को नोट किया कि चेतन की मौत एक मोटर वाहन दुर्घटना में लगी चोटों के कारण हुई थी.


ट्रिब्यूनल ने अपनी दलील में कही थी ये बात


एएम चांडेकर की अध्यक्षता वाले ट्रिब्यूनल ने कहा, "जिस तरह से दुर्घटना हुई, उससे स्पष्ट रूप से पता चलता है कि ऑटोरिक्शा चालक के पास दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना से युवक को बचाने का एक अवसर था. युवक के परिजनों को यह पैसा बीमा कंपनी और ऑटो मालिक द्वारा भुगतान किया जाएगा.


एक ऑटोरिक्शा का पीछा करते हुए 2016 में विक्रोली के चेतन अचिर्नेकर की मौत के मामले में मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण ने अपने माता-पिता गणपत और स्नेहा अचिर्नेकर और छोटे भाई ओंकार को भुगतान किए जाने वाले मुआवजे की गणना करते समय पीड़ित के 15,000 रुपये के मासिक वेतन पर भी विचार किया. मृत्यु के समय चेतन एक सॉफ्टवेयर फर्म में काम करता था. 43 लाख रुपये का मुआवजा (ब्याज सहित) बीमा कंपनी और ऑटोरिक्शा के मालिक कमलेश मिश्रा को संयुक्त रूप से देना होगा.


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चेंज नहीं है कहकर ऑटो चालक भागने लगा था


परिवार ने दिसंबर 2016 में ट्रिब्यूनल के समक्ष अपना दावा प्रस्तुत किया. उन्होंने कहा कि 23 जुलाई, 2016 को लगभग 1.30 बजे, चेतन हवाई अड्डे से ऑटोरिक्शा द्वारा अपने विक्रोली पूर्व स्थित घर लौट रहा था. जब वह अपने घर के करीब आया तो उसने ड्राइवर को 200 रुपये दिए. ऑटो चालक ने यह दावा करते हुए चेंज देने से इनकार कर दिया कि उसके पास नहीं है और वाहन को स्टार्ट कर दिया. बकौल टाइम्स ऑफ इंडिया, चेतन ने उसे रुकने के लिए कहा तो उसने रफ्तार बढ़ाने का प्रयास किया. नतीजतन, वाहन पलट गया और चेतन पर जा गिरा, जो गंभीर रूप से घायल हो गया. मामले की सूचना विक्रोली थाने में दी गई.


बीमा कंपनी की इस दलील को ट्रिव्यूनल ने ठुकराया


परिवार ने कहा कि चेतन की मृत्यु के कारण उन्हें भावनात्मक और आर्थिक दोनों तरह से नुकसान हुआ. वाहन का मालिक ट्रिब्यूनल के सामने पेश नहीं हुआ और उसके खिलाफ एक पक्षीय आदेश पारित किया गया. दावे में देयता से इनकार करने के लिए दिए गए तर्कों में से, बीमा कंपनी ने कहा कि घटना के समय ऑटो चालक के पास वैध और प्रभावी ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था. न्यायाधिकरण ने कहा कि इस दावे को प्रमाणित करने के लिए बीमा कंपनी ने कोई मौखिक या दस्तावेजी साक्ष्य पेश नहीं किया है.


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