Maharashtra: डॉक्टर्स के संगठन ने 2 जनवरी से हड़ताल पर जाने की दी चेतावनी, खाली पदों को भरने की मांग
महाराष्ट्र स्टेट एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (MARD) का गठन रेजिडेंट डॉक्टरों के काम के माहौल में सुधार के लिए किया गया था. यह संगठन डॉक्टरों के मुद्दे को सरकार के सामने उठती है.
Maharashtra News: महाराष्ट्र स्टेट एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (MARD) ने रिक्त पदों को भरने की मांग की है. इसके साथ ही 2018 से लंबित बकाया राशि का भुगतान नहीं होने पर हड़ताल करने की चेतावनी दी है. राज्य के चिकित्सा शिक्षा मंत्री गिरीश महाजन (Girish Mahajan) को सोमवार को लिखे पत्र में एमएआरडी के अध्यक्ष डॉ. अविनाश दहिफले ने सीनियर रेजिडेंट चिकित्सकों के 1,432 पद सृजित करने और 16 अक्टूबर 2018 से लंबित महंगाई भत्ते के भुगतान की मांग की है.
क्या कहा गया पत्र में?
पत्र में कहा गया है, " सीनियर रेजिडेंट चिकित्सकों के 1,432 पद सृजित करना हमारी पहली मांग है. अगर इसका प्रस्ताव राज्य सरकार के पास अब भी लंबित है, तो सरकारी कॉलेज से उत्तीर्ण रेजिडेंट चिकित्सकों के लिए अनुबंध की नीति क्यों बनाई गई?"
पत्र में एमएआरडी ने 16 अक्टूबर 2018 से लंबित महंगाई भत्ते के भुगतान की मांग भी की. पत्र में कहा गया, " राज्य में सीनियर रेजिडेंट चिकित्सकों के वेतन में समानता नहीं है. राज्य को इसमें हस्तक्षेप करना चाहिए और वेतन में समानता लानी चाहिए." एमएआरडी ने दावा किया कि अधिकतर मेडिकल कॉलेज में एसोसिएट और असिस्टेंट प्रोफेसर के पद खाली हैं और छात्रों पर इसका प्रभाव नहीं पड़े, यह सुनिश्चित करने के लिए रिक्त पदों को भरने की जरूरत है.
डॉक्टरों ने की यह मांग
एमएआरडी ने चेतावनी दी, " अगर नागपुर में चल रहे शीतकालीन सत्र में कोई ठोस फैसला नहीं किया गया तो एमएआरडी के सदस्य दो जनवरी से हड़ताल पर चले जाएंगे." MARD ने डॉक्टरों के लिए 1,432 पदों को बढ़ाने की मांग, सरकारी मेडिकल कॉलेजों के छात्रावासों में होने वाली समस्याओं का निवारण, एसोसिएट और सहायक प्रोफेसर के पदों को तत्काल भरना, महंगाई भत्ते का तत्काल वितरण और समान वेतन लागू करना शामिल है. इसके साथ ही उनकी मांग है कि सभी रेजिडेंट डॉक्टरों और सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों के वेतन में असमानता को दूर करना. MARD का गठन रेजिडेंट डॉक्टरों के काम के माहौल में सुधार के लिए किया गया था. पिछले साल, पूरे महाराष्ट्र के रेजिडेंट डॉक्टर फीस माफी, छात्रावास की बेहतर स्थिति और अन्य मुद्दों की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए थे.