Mumbai Metro Line-3 का ट्रायल ऑपरेशन हुआ शुरू, सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने दिखाई हरी झंडी
MMRCL ने आरे कॉलोनी के सारिपुट नगर में कोलाबा-बांद्रा-SEEPZ मेट्रो लाइन-3 का परीक्षण परिचालन आरंभ किया.
Metro In Mumbai: मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (MMRCL) ने मंगलवार को आरे कॉलोनी के सारिपुट नगर में कोलाबा-बांद्रा-एसईईपीजेड मेट्रो लाइन-3 का परीक्षण परिचालन आरंभ किया. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पूर्वाह्न 11 बजे परीक्षण परिचालन (ट्रायल रन) के तहत मेट्रो ट्रेन को हरी झंडी दिखाई.
इस मौके पर फडणवीस ने कहा कि मेट्रो लाइन-3 (कार शेड) परियोजना का विरोध पर्यावरणीय कारणों से ज्यादा राजनीतिक वजहों से किया गया. मुंबई मेट्रो की तीसरी लाइन में 33.5 किलोमीटर लंबा भूमिगत मार्ग शामिल है. यह लाइन दक्षिण मुंबई के कोलाबा को महानगर के पश्चिमी उपनगरों से जोड़ेगी. इससे उपनगरीय लोकल ट्रेन सेवा पर यात्रियों की भीड़ में कमी आने की उम्मीद है. यह परीक्षण परिचालन विवादों में रहे इस मेट्रो ट्रैक को हकीकत में तब्दील करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है.
शिंदे और फडणवीस ने उसका जायजा लिया
शिंदे और फडणवीस ने मेट्रो ट्रेन के अंदर जाकर उसका जायजा भी लिया. इस मौके पर एमएमआरसीएल के प्रबंध निदेशक अश्विनी भिड़े भी मौजूद थे. शिंदे सरकार ने इस साल 30 जून को संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान से सटी वन भूमि ‘आरे’ में मेट्रो कार शेड के निर्माण का फैसला पलट दिया था.
दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पिछले महीने राज्य की नयी सरकार से आरे में कार शेड के निर्माण की योजना पर आगे नहीं बढ़ने की अपील की थी.
फडणवीस ने कहा, “मेरी राय में मेट्रो लाइन-3 परियोजना का विरोध पर्यावरणीय कारणों के बजाय राजनीतिक वजहों से ज्यादा हो रहा है. लाइन-3 पर मेट्रो परिचालन शुरू होने के बाद रोजाना औसतन 17 लाख लोग इस पर यात्रा करेंगे. इसके शुरू होने के साथ सड़कों पर लगभग सात लाख वाहन घट जाएंगे. यह लाइन निश्चित रूप से पर्यावरण संबंधी उद्देश्यों का समर्थन करेगी.”
फडणवीस ने हाल में राज्य के महाधिवक्ता और प्रशासन को कांजुरमार्ग के बजाय आरे कॉलोनी में कार शेड बनाने का प्रस्ताव पेश करने का निर्देश दिया था, जिसे उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली राज्य की पिछली सरकार ने चुना था.
फडणवीस ने कही ये बात
उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने मंगलवार को कहा, “पिछली सरकार ने कार शेड को कांजुरमार्ग में स्थानांतरित करने की कोशिश की थी. इसे कांजुरमार्ग में स्थानांतरित करने के बावजूद आरे में कुछ बुनियादी ढांचा बनाना जरूरी था.” पहली बार, 2014 में तत्कालीन मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने आरे में मेट्रो लाइन-3 कार शेड बनाने का प्रस्ताव किया था, जिसे स्थानीय एनजीओ (गैर सरकारी संस्था) वनशक्ति ने बंबई उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी. उसने क्षेत्र में मौजूद पेड़ों की कटाई को रोकने के लिए एक याचिका भी दायर की थी.
इसके बाद, तत्कालीन मुख्यमंत्री फडणवीस ने भी इस स्थान पर कार शेड के निर्माण की योजना को आगे बढ़ाया था. हालांकि, पर्यावरण सक्रियतावादियों ने आरे में कार शेड के निर्माण के लिए पेड़ काटने का सख्त विरोध किया था.
कानूनी विवाद में उलझा रहा मेट्रो का काम
महाराष्ट्र में 2019 में शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस की गठबंधन सरकार के सत्ता में आने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मेट्रो लाइन-3 कार शेड को कांजुरमार्ग पूर्वी उपनगर में स्थानांतरित दिया, लेकिन यह विषय कानूनी विवाद में उलझा रहा.
तत्कालीन उद्धव सरकार ने आरे को आरक्षित वन क्षेत्र भी घोषित किया था. हाल में मुख्यमंत्री शिंदे और उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में पूर्ववर्ती उद्धव सरकार के फैसले को पलट दिया था. मेट्रो लाइन-3 परियोजना का वित्त पोषण जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी ने किया है.