Ganpati Utsav: गणपति उत्सव के पांचवें दिन मुंबई में समंदर और कृत्रिम तालाबों में गणेश की कुल 31,365 मूर्तियों को विसर्जित किया गया. बृन्हमुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के एक अधिकारी ने सोमवार को बताया कि उत्सव के पांचवें दिन रविवार के बाद अबतक किसी भी अप्रिय घटना की खबर नहीं मिली है. अधिकारी ने बताया कि सोमवार को सुबह छह बजे तक 30,446 घरेलू, 27 हरतालिका, और 892 सार्वजनिक मूर्तियों को विसर्जित किया गया है. उन्होंने बताया कि कम से कम 12,030 घरेलू मूर्तियों, 16 हरतालिका और 377 सार्वजनिक मंडल की मूर्तियों को मुंबई के अलग अलग स्थानों पर बनाए गए कृत्रि तालाबों में विसर्जित किया गया है. मूर्तियों को विभिन्न तटों से समुद्र में भी विसर्जित किया गया है.


बीएमसी ने बनाए हैं आर्टिफिशियल तलाब


अधिकारी के मुताबिक, उन स्थानों पर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए थे जहां से मूर्तियों को विसर्जित किया जाना था. मुंबई पुलिस ने लालबागचा का राजा और अन्य पंडालों के बाहर सुरक्षा कड़ी कर दी है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ सोमवार को लालबागचा राजा पंडाल जाएंगे. बता दें कि हन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने मुंबई में गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए आर्टिफियशल तालाब बनाए हैं. यह तब आया जब बीएमसी ने नागरिकों से प्लास्टर ऑफ पेरिस (पीओपी) से बनी गणेश मूर्तियों को आर्टिफियशल झीलों या तालाबों में विसर्जित करने के लिए कहा ताकि लोगों को प्रदूषण कम करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके. नगर निकाय के अनुसार विसर्जन के लिए 162 आर्टिफियशल तालाब और 73 प्राकृतिक विसर्जन स्थल उपलब्ध हैं.


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ऑनलाइन ऑर्डर किए जा सकते हैं प्रसाद


कोरोना काल के दो साल के अंतराल के बाद देश भर से भक्तों ने मुंबई के लालबागचा राजा मंडल में तांता लगा दिया. इस साल, जियो मार्ट और पेटीएम के सहयोग से, वे भक्तों के दरवाजे पर ऑनलाइन प्रसाद पहुंचाने की कोशिश करेंगे, यदि आप इसकी इच्छा रखते हैं. जियो मार्ट पर प्रसाद दो लड्डू के रूप में हैं और केवल मुंबई, नवी मुंबई और ठाणे क्षेत्र के लिए ऑर्डर लेगा. गणेश चतुर्थी या गणपति उत्सव, जो हिंदू चंद्र कैलेंडर माह भाद्रपद के चौथे दिन से शुरू होता है, महाराष्ट्र और पश्चिमी और दक्षिणी भारत के अन्य हिस्सों में बहुत धूमधाम से मनाया जाता है, जिसमें लाखों भक्त भगवान गणेश से आशीर्वाद लेने के लिए पंडालों में एकत्रित होते हैं. त्योहार को विनायक चतुर्थी या विनायक चविथी के नाम से भी जाना जाता है.


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