Mumbai News: इस महिला के आगे यमराज की भी नहीं चली, 16 महीने में 5 हार्ट अटैक, फिर भी जिंदा, डॉक्टर भी हैरान
Heart Attack: किसी को दिल का दौरा पड़ना बेहद गंभीर माना जाता है. अक्सर समय पर इसका इलाज नहीं मिलने पर मौके पर ही लोगों की मौत ही जाती है. लेकिन एक ऐसी भी महिला है जो 5 हार्ट अटैक के बाद भी जिंदा है.
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Mulund Woman Heart Attack: किसी इंसान को दिल का दौरा तब पड़ता है जब हृदय में रक्त का प्रवाह बहुत कम या अवरुद्ध हो जाता है. रुकावट आमतौर पर हृदय (कोरोनरी) धमनियों में वसा, कोलेस्ट्रॉल और अन्य पदार्थों के निर्माण के कारण होती है. अक्सर जिसे दिल का दौरा पड़ता है समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण उसकी मौत हो जाती है. लेकिन आज हम आपको उस महिला के बारे में बतायेंगे जिसे पांच बार हार्ट अटैक का सामना किया और आज वो जिंदा है. 51 वर्षीय मुलुंड निवासी पिछले 16 महीनों में पांच दिल के दौरे से गुजर चुकी है.
छह एंजियोप्लास्टी और एक कार्डियक बाईपास सर्जरी
उन्हें पांच स्टेंट लगाए गए हैं, छह एंजियोप्लास्टी और एक कार्डियक बाईपास सर्जरी हुई है. रेखा (उसका बदला हुआ नाम) ने कहा, "मैं केवल यह जानना चाहती हूं कि मेरे साथ क्या गलत है और क्या मुझे तीन महीने बाद एक नया ब्लॉकेज विकसित होगा." रेखा को पहला दिल का दौरा सितंबर 2022 में जयपुर से बोरीवली लौटते समय एक ट्रेन में पड़ा था तब रेलवे अधिकारियों द्वारा उन्हें अहमदाबाद के एक प्राइवेट अस्पताल में ले जाया गया था.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?
विशेषज्ञों का मानना है कि वास्कुलिटिस जैसी एक ऑटो-इम्यून बीमारी इसका कारण हो सकती है, जिसमें रक्त वाहिकाएं सूज जाती हैं और संकीर्ण हो जाती हैं, लेकिन परीक्षण के परिणामों से अब तक कोई स्पष्ट निदान नहीं मिला है. रेखा ने बताया, "हमने एंजियोप्लास्टी के लिए मुंबई जाना पसंद किया." डॉ. हसमुख रावत ने कहा, "रेखा की हृदय संबंधी समस्याओं का कारण एक रहस्य बना हुआ है." बता दें, डॉ. रावत जुलाई से उनके हृदय रोग विशेषज्ञ हैं, जब उनकी दो एंजियोप्लास्टी और बाईपास सर्जरी हुई थी. उन्होंने कहा, ''मुझे फरवरी, मई, जुलाई और नवंबर में दिल का दौरा पड़ा है.''
रेखा को डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्रॉल और मोटापा जैसी अन्य पुरानी समस्याएं भी हैं. पिछले साल सितंबर के महीने में उनका वजन 107 KG था और तब से उनका वजन 30 KG से ज्यादा कम हो गया है. डॉ. रावत ने कहा कि मरीजों के लिए एक ही स्थान पर बार-बार ब्लॉकेज विकसित होना कोई नई बात नहीं है, लेकिन रेखा में अलग-अलग जगहों पर नए ब्लॉकेज बन जाते हैं. हालांकि डॉ. ने माना की रेखा काफी भाग्यशाली हैं.
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