मुंबई की बृहन्मुंबई नगर निगम ने शिवाजी पार्क में दशहरा रैली की इजाजत के लिए आए शिवसेना के दोनों गुटों के आवेदन को खारिज कर दिया है.उसने किसी भी गुट को दशहरा रैली की इजाजत देने से इनकार कर दिया है. बीएमसी ने कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट और एकनाथ शिंदे गुट के आवेदन को खारिज कर दिया है. बीएमसी का यह फैसला उस दिन आया है, जिस दिन इस मामले पर बांबे हाई कोर्ट में सुनवाई होनी है.
बीएमसी ने शिवसेना के दोनों गुटों को दिया झटका
इस तरह से बीएमसी ने शिवसेना के दोनों गुटों को झटका दिया है. उनके मुताबिक बीएमएसी ने यह फैसला तब लिया जब बांबे हाई कोर्ट शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करने वाला है.ठाकरे गुट का कहना है कि दशहरा के दिन मुंबई के शिवाजी पार्क में रैली करने की उसकी परंपरा रही है. उसी के तहत दशहरा रैली करने केलिए उसने बीएमसी से इजाजत मांगी है. लेकिन उसके आवेदन पर बीएमसी ने अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है.बांबे हाई कोर्ट आज इस पर सुनवाई करेगी.
मुंबई का शिवाजी पार्क साल में करीब 35 दिन के लिए रिजर्व रहता है. इस दौरान वहां तरह-तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. इसमें से एक कार्यक्रम शिवसेना की दशहरा रैली भी है.बीएमसी की ओर से इजाजत न दिए जाने के पीछे एक बड़ा कारण यह भी है कि अभी तक इस बात का फैसला ही नहीं हो पाया है कि असली शिवसेना कौन है.इसके अलावा बीएमसी ने कानून व्यवस्था का हवाला का भी हवाला दिया है.
शिवसेना किसकी है?
शिव सेना किसकी है, इस बात पर सुप्रीम कोर्ट में 27 सितंबर को सुनवाई होनी है. सुप्रीम कोर्ट यह तय करेगा कि शिवसेना पर अधिकार को लेकर जारी लड़ाई पर फैसला चुनाव आयोग करेगा या नहीं.
उधर उद्धव ठाकरे गुट शिवाजी पार्क में ही दशहरा रैली करने के लिए अड़ा हुआ है. उद्धव ठाकरे ने बुधवार को मुंबई में पार्टी के नेताओं की एक बैठक में कहा था कि इजाजत मिले या न मिले उनकी दशहरा रैली शिवाजी पार्क में ही होगी.
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