मुंबई: शहर पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने भाजपा नेता मोहित कंबोज सहित एक कंपनी के दो डायरेक्टरों के खिलाफ इंडियन ओवरसीज बैंक (IOB) को 52.8 करोड़ रुपये का गलत तरीके से नुकसान पहुंचाने का मामला दर्ज किया है. ये केस एमआरए मार्ग पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया है. वहीं बीजेपी नेता ने सभी आरोपों से इंकार किया है और कोर्ट में जाने की बात कही है.
बैक को गलत तरीके से पहुंचाया गया नुकसान
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि आईओबी के चीफ रीजनल मैनजर ने मामले को लेकर शिकायत दर्ज कराई है. अधिकारी ने कहा, 'हमने एक कंपनी और उसके तीन निदेशकों के खिलाफ केस दर्ज किया है. आरोप है कि इन्होंने 2011 से 2015 के बीच बैंक से 52.8 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था.' बीजेपी नेता कंबोज भी कंपनी के डायरेक्टरों में से एक हैं. अधिकारी ने कहा कि बैंक से लिए गए लोन का उपयोग उस उद्देश्य के लिए नहीं किया गया था जिस मकसद से वह लिया गया था. इससे बैंक को गलत तरीके से नुकसान हुआ. पुलिस ने कहा कि कंपनी के निदेशकों ने क्रेडिट सुविधाएं भी ली हैं. पुलिस ने कहा कि बैंक द्वारा की गई आंतरिक जांच के दौरान मामले का खुलासा हुआ था.
बीजेपी नेता कंबोज ने ट्वीट कर आरोपों से किया इंकार
वहीं बीजेपी नेता कंबोज ने ट्वीट कर खुद लगे आरोपों से इंकार किया है. कंबोज ने अपने ट्वीट में लिखा है,” मुझे मेरे सूत्रों से पता चला है कि, आज मेरे खिलाफ ईओडब्ल्यू मुंबई में सीपी संजय पांडे द्वारा एक मनगढ़ंत प्राथमिकी दर्ज की गई है! अगर आप मेरे खिलाफ एफआईआर करके सोचते हैं,एक ऐसे मामले में जो बहुत पहले सुलझा हुआ है और मेरी आवाज दबा सकते है या आप मुझे डरा सकते हैं तो आप गलत हैं.मैं तथ्यों के साथ कोर्ट जाऊंगा.”
बीजेपी नेता वे वीडियो शेयर कर रहा मेरी आवाज नहीं दबा सकते
उन्होंने ट्विटर पर एक वीडियो भी अपलोड किया है. इस वीडियो में, उन्होंने कहा कि उन्हें सूत्रों से पता चला है कि उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. उन्होंने कहा कि कुछ पुरानी कंपनी जो 2017 में बंद हो गई थी और उसके बैंक मुद्दों को निकालकर, एक मनगढ़ंत प्राथमिकी दर्ज की गई है. उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है कि अगर एमवीए सरकार को लगता है कि इस तरह की कार्रवाई करके वे उनकी आवाज दबा सकते हैं, तो उन्हें इस तरह के मनगढ़ंत कहानी का डर नहीं है. वे कोर्ट में जाएंगे और वहां दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा.”
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि मामला एक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक की शिकायत पर आधारित है और सत्यापन की आवश्यकता है.
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