Pocso Court Decision: मुंबई के पॉक्सो कोर्ट ने त्वचा से त्वचा के संपर्क के बात से इन्कार करते हुए एक आरोपी पिता को पांच साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है. दरअसल एक विशेष पॉक्सो कोर्ट में आए एक मामले में आरोपी पिता पर अपनी पांच वर्षीय बेटी के निजी अंगों के कपड़ों को बार-बार सूंघने का दोषी पाया है. वहीं कोर्ट ने आरोपी को उसके अंग छूने का पर पांच साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है.
इम मामले में सामने आए दलीलों को चौंकाने वाला बताते हुए, अदालत ने कहा कि POCSO अधिनियम की संबंधित धारा यह परिभाषित नहीं करती है कि यौन उत्पीड़न की घटना में एक हमलावर को बच्चे के निजी अंगों को कैसे छूना है. यौन उत्पीड़न से संबंधित अपराध आरोपी के यौन इरादे के बारे में बात करता है.
नाबालिग के दिमाग पर पड़ता है असर
इस मामले में अदालत ने कहा कि अनुचित स्पर्श के बाद बच्चे ने अजीब तरह से प्रतिक्रिया करना शुरू कर दिया था. अदालत ने कहा, "यह कहने की जरूरत नहीं है कि आरोपी ने यौन इरादे से ऐसा (स्पर्श) किया जिससे नाबालिग पीड़िता के दिमाग पर असर पड़ता है.
अदालत ने इस मामले में आरोपी के खिलाफ नरमी से इन्कार करते हुए कहा कि एक पिता एक किला होता है, अपनी बेटी का ट्रस्टी होता है. इस मामले में अपराध और भी गंभीर हो जाता है. वर्तमान मामले में, मुझे कोई भी शमन करने वाली या कम करने वाली परिस्थितियाँ नहीं मिलीं.
आरोपी ने खुद को बताया निर्दोष
वहीं इस मामले का आरोपी पिता ने ने दावा किया था कि मां ने उन्हें झूठा फंसाया था क्योंकि वे अक्सर बच्चे की देखभाल करने में उनकी उदासीनता को लेकर झगड़ते थे. उन्होंने आरोप लगाया कि बच्ची पढ़ी-लिखी है. हालांकि, बच्ची ने इन दावों का खंडन किया और कहा कि उसकी मां ने "अच्छा खाना" बनाती है.
इस पूरे मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि पीड़िता की हरकतों पर पहले उसकी शिक्षिका ने गौर किया और फिर उसकी मां को इस बारे में पता चला, इसलिए शिकायत के कारण आरोपी को झूठा फंसाने की कोई संभावना नहीं है. उन्हें दोषी पाया गया और अपनी 5 साल की बेटी के कपड़ों पर उसके गुप्तांगों को बार-बार छूने के लिए पांच साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई.
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