Maharashtra: हाई कोर्ट की आम नागरिकों को हिदायत- सरकारी अधिकारियों से गलत व्यवहार ना करें
Mumbai: आरोपी ने बिजली कनेक्शन कटने को लेकर राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड कंपनी के अधिकारियों से गाली-गलौज व मारपीट की थी.

Mumbai News: बॉम्बे हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड (MSEDCL) के कर्मचारियों से अभद्र व्यवहार और मारपीट करने के मामले में गिरफ्तार किए गए पुणे जिले के एक शख्स पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाते हुए उसे अग्रिम जमानत दे दी. इस राशि का उपयोग ग्राम पंचायत के कल्याण के लिए किया जाएगा.
कोई भी नागरिक सरकारी अधिकारी से अभद्र व्यवहार नहीं कर सकता
आरोपी प्रवीण साहेबराव भोगवड़े द्वारा अपने कृत्य पर पश्चाताप व्यक्त करने के बाद अदालत ने कहा कि सामान्य नागरिक चाहे उसकी शिकायत कितनी भी गंभीर क्यों न हो सरकारी अधिकारियों के साथ उस तरह का व्यवहार नहीं कर सकता जैसा कि प्रवीण ने किया. न्यायमूर्ति भारती एच डांगरे 24 मई को भोगवड़े द्वारा दायर अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहे थे, जिसमें पुणे जिले के रंजनगांव एमआईडीसी पुलिस स्टेशन द्वारा दर्ज प्राथमिकी के संबंध में गिरफ्तारी की आशंका थी.
क्या था मामला
प्राथमिकी के अनुसार MSEDCL के एक सहायक अभियंता द्वारा दर्ज शिकायत के आधार पर- मामला घर का कनेक्शन कटने से संबंधित था, जिसके बाद भोगवड़े सहित कई ग्रामीण इकट्ठा हो गए. शिकायतकर्ता ने कहा कि जब वह एक लोकसेवक के रूप में अपना काम कर रहा था तो भोगवड़े ने उसके साथ अभद्र व्यवहार किया और उस पर और स्टाफ के अन्य सदस्यों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए. भोगवड़ने ने कथित तौर पर उनके साथ गाली-गलौज भी की और उन्हें धमकाया. उसने शिकायतकर्ता को धक्का दिया और उसके साथ मारपीट भी की.
आरोपी ने कहा कि उसे अपने व्यवहार पर पछतावा है
सुनवाई के दौरान भोगवड़े की ओर से पेश अधिवक्ता रवींद्र पचुंडकर ने कहा कि उनके मुवक्किल को सरकारी कर्मचारियों के साथ किए अभद्र व्यवहार पर पछतावा है और यह घटना इसलिए हुई क्योंकि वह चिंतित महसूस कर रहा था. पचुंडकर ने कहा कि भोगवाडे युवा हैं, उनका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और वह जांच अधिकारी के साथ सहयोग करने को तैयार हैं. वहीं, पुलिस की ओर से पेश अतिरिक्त लोक अभियोजक प्राजक्ता पी शिंदे ने कहा कि भोगवड़े का अधिकारियों के साथ अक्सर टकराव होता रहता है, जब कोविड के दिशानिर्देश लागू थे, तब भी उसने इस तरह की हरकत की थी.
आरोपी पर कोर्ट ने लगाया 25 हजार का जुर्माना
हालांकि न्यायमूर्ति डांगरे ने भोगवड़े के आश्वासन को स्वीकार करते हुए गिरफ्तारी की स्थिति में उसे जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया. अदालत ने उसे आठ सप्ताह के भीतर शिरूर तालुका में गनेगांव खालसा ग्राम पंचायत को 25,000 रुपये का भुगतान करने का भी निर्देश दिया. राशि का उपयोग ग्राम पंचायत से लोगों के कल्याण के लिए किया जाना है.
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