JJ Hospital: 900 से अधिक रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर, मुंबई के जेजे अस्पताल में चरमराई व्यवस्था
Mumbai JJ Hospital Strike: जेजे अस्पताल के डर्मेटोलोजी डिपार्टमेंट के हेड पर जूनियर्स ने इलाज में लापरवाही बरतने और बुरा बर्ता करने के आरोप लगाए हैं. ये डॉक्टर्स नाराज होकर स्ट्राइक कर रहे हैं.
Mumbai News: मुंबई के जेजे अस्पताल (JJ Hospital) के डर्मेटोलॉजी डिपार्टमेंट के 21 रेजिडेंट डॉक्टर पिछले 11 दिनों से सामूहिक अवकाश पर हैं. डिपार्टमेंट के हेड डॉक्टर महेंद्र कुरा के खिलाफ कोई सख्त कदम नहीं उठाए जाने पर अब जेजे अस्पताल के महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर के 900 से अधिक डॉक्टर गुरुवार (28 दिसंबर) से हड़ताल पर गए हैं. इससे अस्पताल की व्यवस्था चरमरा गई है.
डॉक्टर अभिजीत ने एबीपी न्यूज को बताया के डॉक्टर महेंद्र कुरा डर्मेटोलोजी डिपार्टमेंट के हेड हैं. उनकी लापरवाही के वजह से कुछ मरीजों की मौत हुई हैं. वहीं वह रेजिडेंट डॉक्टरों के साथ बुरी तरह से पेश आते हैं जिस वजह से जूनियर डॉक्टरों का मानसिक प्रताड़ना से गुजरना पड़ता हैं. वह जूनियर डॉक्टरों को फेल करने की धमकी देते हैं. साथ ही डॉक्टरों की सलाह ठुकराते हैं. इसी मुद्दे को लेकर राज्य सरकार ने एक कमिटी गठित की जिसमें डॉक्टर महेंद्र कुरा की जांच की गई, हालांकि कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाने पर आज से जेजे अस्पताल के सभी रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर गए हैं.
चिकित्सा शिक्षा मंत्री से यह मांग
ओपीडी में डॉक्टर मरीजों को नहीं देख रहे हैं. वहीं इमरजेंसी और ऑपरेशन में डॉक्टर तैनात हैं. रेजिडेंट डॉक्टरों की मांग है कि चिकित्सा शिक्षा मंत्री हसन मुशरिफ को कोई सख्त कदम उठाना चाहिए. आपको बता दें के डॉक्टरों की मंत्री से मुलाकात हुई थी जहां उन्हें आश्वासन दिया गया था के जल्द कोई करवाई की जाएगी. वहीं डॉक्टर महेंद्र कुरा भी अब छुट्टी पर गए हैं.
अस्पताल की डीन ने दी यह जानकारी
मरीजों के परिवार से बात करने पर पता चला कि डॉक्टरों की संख्या में कमी देखी जा रही है. डॉक्टरों की संख्या आधे से भी कम हैं. इसीलिए लाइनों में ज्यादा देर रुकना पड़ रहा है. वहीं इलाज के लिए भी समय लग रहा है. जेजे अस्पताल की डीन डॉ पल्लवी सापले ने बताया कि 10 तारीख को उन्हें डॉक्टरों ने लेटर दिया था लेकिन 11 तारीख को राज्य सरकार ने कमिटी गठित की इसीलिए अस्पताल के तरफ से अलग से कोई जांच नहीं हुई है. डॉक्टरों द्वारा हड़ताल किए जाने पर पल्लवी सापले ने कहा के हमने डॉक्टरों को समझाया है कि इमरजेंसी और OT में अगर हो सके तो ज्यादा से ज्यादा समय बिताएं. हालांकि ओपीडी में एक भी डॉक्टर नहीं हैं. आम तौर पर अगर 10 डॉक्टर होते हैं तो आज केवल 5 हैं.