Mumbai School Raises Fund For Fees: मुंबई (Mumbai) के पवई में एक स्कूल प्रिंसिपल की पहल लोगों के बीच चर्चा का विषय बन चुकी है. दरअसल प्रिंसिपल ने अपने उन स्टूडेंट्स की फीस का भुगतान करने के लिए क्राउडफंडिंग की पहल की, जिनके माता-पिता की नौकरी छूट गई थी या उनके वेतन में कटौती की वजह से बच्चों की फीस अब तक लंबित थी. ऐसी कुल फीस का लगभर 95% से अधिक प्रिसिंपल की इस पहल से कवर हो चुकी है. पवई इंग्लिश हाई स्कूल की प्रिंसिपल शर्ली पिल्लई ने कहा कि कुछ दान देने वाले भविष्य में भी योग्य छात्रों को स्पॉन्सर करने के इच्छुक हैं.


पिल्लई ने कहा, "मैं हैरान थी कि लोग स्वेच्छा से मदद के लिए कैसे आगे आए. कुछ लोग केवल एक या दो छात्रों के लिए धन की पेशकश कर सकते थे. लेकिन यह हमारे लिए बहुत मायने रखता था." उन्होंने बताया कि हमारे पूर्व छात्रों, उनमें से कुछ ने विदेशों से भी में उदारतापूर्वक दान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. वह ज्यादातर व्यक्तियों और गैर सरकारी संगठनों द्वारा किए गए दान के साथ 1 करोड़ रुपये जुटाने में कामयाब रही हैं. शिक्षकों ने जरूरतमंद छात्रों की पहचान करने में अहम भूमिका निभाई.


स्कूल का वार्षिक शुल्क है लगभग 35,000 रुपये


प्रिंसिपल पिल्लई ने कहा, "दानकर्ता ज्यादातर अकादमिक रूप से उज्ज्वल छात्रों के लिए भुगतान करना चाहते थे. चूंकि हमारी कई लड़कियां और लड़के पहली बार शिक्षार्थी हैं, हमारे पास औसत छात्र थे जिन्हें सीखने के लिए धन की भी आवश्यकता थी." दाताओं को यह समझाने में कई घंटे लग गए कि कुछ छात्रों को उनके रिपोर्ट कार्ड कमजोर होने के बावजूद पैसे की आवश्यकता क्यों है. बकौल टाइम्स ऑफ इंडिया फंड संग्रह के साथ-साथ राज्य बोर्ड स्कूल को अभिभावकों को आंशिक शुल्क भुगतान करने के लिए प्रोत्साहित करने का काम सौंपा गया था. स्कूल का वार्षिक शुल्क लगभग 35,000 रुपये है. पिल्लई ने कहा, "माता-पिता की आर्थिक तंगी वास्तविक थी, लेकिन वे फीस देने की जरूरत को समझते थे. हमने उनसे कुछ राशि का भुगतान करने और बाकी को हम पर छोड़ने के लिए कहा."


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स्कूल ने फीस में 25 प्रतिशत की कटौती की


स्कूल ट्रस्टी, प्रशांत शर्मा ने 25% शुल्क में कटौती की, हालांकि राज्य ने स्कूलों से 15% शुल्क में कटौती के लिए कहा था. पिल्लई ने कहा, "हमने तीन साल से फीस में वृद्धि नहीं की है और 2022-23 में समान शुल्क संरचना के साथ जारी रखेंगे", उन्हें लगता है कि जून के मध्य में स्कूल फिर से खुलने पर माता-पिता फीस का भुगतान करने में सक्षम होंगे.


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