Mumbai News: मुंबई में 60 जगहों पर सामुदायिक चिकित्सालय सेवा शुरू करने की तैयारी, ऐसा है बीएमसी का प्लान
Mumbai में बीएमसी ने बालासाहेब ठाकरे सामुदायिक चिकित्सालय सेवा शुरू करने का फैसला किया है. इस योजना के तहत प्रशासन ने कुल 60 चिकित्सालय खोलने की योजना बनाई है.
BMC Community Health Centre: बृहन्मुंबई महानगरपालिका यानी बीएमसी, मुंबई (Mumbai) में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए कई अहम कदम उठा रही है. इसी क्रम में स्लम इलाकों और अस्पतालों से दूर वाले इलाकों में स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के लिए बीएमसी ने मुंबई में बालासाहेब ठाकरे सामुदायिक चिकित्सालय सेवा शुरू करने का फैसला किया है. इसके तहत मुंबई शहर में 20, पूर्वी उपनगर में 20 और पश्चिम उपनगर में 20 को मिलाकर कुल 60 चिकित्सालय खोलने की योजना बनाई है. पहले चरण में पश्चिम उपनगर में 20 चिकित्सालय खोले जाएंगे, जिसे बीएमसी कमिश्नर आईएस चहल ने मंजूरी दे दी है. इस पर बीएमसी कुल 11.8 करोड़ रुपये खर्च करेगी.
इन सुविधाओं के लिए दिया गया ठेका
बीएमसी के एक अधिकारी के मुताबिक 5 जुलाई 2022 को इसके लिए टेंडर जारी किया गया था, जिसमें 6 कंपनियों ने भाग लिया था. उसमें से एक को ठेका देने का फैसला लिया गया है. ठेकदार चिकित्सालय में पोर्टेबल केबिन, आवश्यक सुविधा, सुरक्षा चेन, टेबल, कुर्सी व अन्य सुविधा उपलब्ध कराएगा. अधिकारी ने बताया कि मुंबई में ज्यादातर स्लम इलाकों में हॉस्पिटल नहीं हैं, ऐसे में वहां के मरीजों को इलाज के लिए मशक्कत करनी पड़ती है. जबकि सबसे ज्यादा स्वास्थ्य सेवाओं की जरूरत इन्हीं इलाकों में पड़ती है. साथ ही यहां ज्यादातर लोग गरीब तबके के होते हैं. इसलिए बीएमसी ने वहां चिकित्सालय उपलब्ध कराने का फैसला किया है. इससे गरीब तबके को आसानी से नजदीक में इलाज उपलब्ध हो सकेगा.
कुछ जांच की भी सुविधा होगी उपलब्ध
जानकारी के मुताबकि यहां ब्लड सैम्पल कलेक्ट करने, एक्सरे सहित कुछ महत्वपूर्ण जांच की सुविधा उपलब्ध होगी. इसका उद्देश्य अस्पतालों में ज्यादा जांच और दौड़-भाग को कम करना है. साथ ही नागरिकों को प्राइवेट क्लिनिक में महंगा इलाज नहीं कराना पड़ेगा. आम लोग बुखार व अन्य बीमारी के मरीज रोज अस्पतालों के चक्कर लगाते हैं, यहां उनका भी इलाज हो सकेगा. अधिकारी ने बताया कि स्लम एरिया में ज्यादातर देखा गया है कि लोग बीमार पड़ने पर छोटी-छोटी क्लिनिक में जाते हैं. जहां डॉक्टर उन्हें महंगे टेस्ट और दवाइयां लिख देते हैं. इस कारण गरीब लोग बीच में ही इलाज छोड़ देते हैं, जो आगे चलकर गंभीर बीमारी का रूप ले लेती है. अब नजदीक में फिर जांच के बाद यदि आवश्यकता पड़ी सामुदायिक चिकित्सालय खुलने से तो डॉक्टर बीएमसी के दूसरे अस्पतालों लोगों को इलाज में आसानी होगी. साथ में रेफर कर देंगे. इससे मरीजों को दूसरे ही बड़े हॉस्पिटल पर भार कम होगा. वहीं माना जा रहा है कि इसके खुलने से मरीजों को काफी सहूलियत होगी.