Mumbai: मुंबई में रेप और मर्डर मामले पर अजित पवार का बड़ा बयान, बोले- 'इतना बड़ा हॉस्टल होने के कारण...'
Mumbai Crime News: अजित पवार ने कहा, पुलिस ने चेक किया कि CCTV में कौन निकला. सुबह चार से पांच बजे के बीच दुष्कर्म करने वाला हॉस्टल से बाहर आया. अन्य संभावनाओं की भी जांच की जा रही है.
Mumbai Rape and Murder Case: मुंबई के मरीन ड्राइव इलाके में सावित्रीबाई फुले छात्रावास में एक 18 वर्षीय लड़की की हत्या कर दी गई. गंभीर मामला यह है कि पीड़िता का शव नग्न अवस्था में मिला है. यह भी आशंका जताई जा रही है कि पीड़िता के साथ दुष्कर्म भी किया गया है. आरोप है कि हॉस्टल के सिक्योरिटी गार्ड ने पीड़िता के साथ रेप किया और उसकी हत्या कर दी.
आरोपी ने कर ली आत्महत्या
इस हरकत के बाद आरोपी ने चर्नी रोड स्टेशन के पास ट्रेन के नीचे कूद कर आत्महत्या कर ली. प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष अजित पवार ने मरीन लाइन थाने जाकर इस रोषपूर्ण घटना की जानकारी ली. पीड़िता के परिजनों से भी मिले. इसके बाद अजित पवार ने मीडिया को जानकारी दी.
अजित पवार का बयान
अजित पवार ने कहा, ''मुंबई के चर्चगेट इलाके में सावित्रीबाई फुले छात्रावास में उस युवती के साथ दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई. इसके बाद उसके माता-पिता, भाई गांव से मुंबई आ गए. इन माता-पिता के जुड़वां लड़के और लड़कियां थीं. दोनों 10वीं कक्षा तक अकादमिक रूप से मेधावी माने जाते थे. लड़के ने 10वीं के बाद पुणे में आईटीआई करने के लिए एडमिशन लिया. लड़की पढ़ाई के लिए मुंबई आई थी.
अजित पवार ने कहा, “दोपहर में मैंने जो शक जताया था वह सच साबित हुआ. सावित्रीबाई फुले छात्रावास में 450 लड़कियों की व्यवस्था है. वहीं, वहां महज 10 फीसदी लड़कियां ही रहती हैं. दिलचस्प बात यह है कि पीड़िता चौथी मंजिल के एक कमरे में अकेली रहती थी. इतना बड़ा हॉस्टल होने के कारण सभी लड़कियों को एक ही मंजिल पर रखा जा सकता था. क्यों नहीं?"
अन्य संभावनाओं की हो रही जांच
अजित पवार ने आगे कहा, 'पुलिस ने हॉस्टल के रेक्टर से तरह-तरह के सवाल पूछे हैं. यह भी चेक किया गया कि सीसीटीवी में कौन निकला. सुबह चार से पांच बजे के बीच दुष्कर्म करने वाला हॉस्टल से बाहर आया. उसने रेलवे ट्रैक पर जाकर आत्महत्या कर ली. तो यह भी कोई प्रमाण नहीं है. इसलिए क्या कोई अन्य संभावनाएं हैं, इसकी भी जांच की जा रही है.”
अजित पवार ने आगे कहा, "मैंने और अमोल मितकर ने पुलिस को बताया है कि पीड़ित और आरोपी दोनों के फोन पुलिस के पास हैं. इसलिए, पुलिस को नई तकनीक का इस्तेमाल करना चाहिए ताकि यह पता चल सके कि वे किससे बात कर रहे थे, उन्होंने क्या कहा और कितनी देर तक बात की."
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