Mumbai Police: मुंबई पुलिस ने शांति व्यवस्था भंग होने की आशंका से जुड़ी जानकारी पर एक आदेश जारी करके शहर में पांच या अधिक लोगों के एकत्र होने और जुलूस निकालने पर छह फरवरी तक प्रतिबंध लगा दिया है.गौरतलब है कि मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने अपने हजारों समर्थकों के साथ 26 जनवरी से मुंबई में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की है और उनके समर्थक राज्य की राजधानी की ओर बढ़ रहे हैं.
मनोज जरांगे का मार्च
जरांगे ने सभी मराठों को सामूहिक रूप से कुनबी (अन्य पिछड़ा वर्ग की एक जाति) जाति का होने का प्रमाणपत्र जारी करने की मांग की है. एक पुलिस अधिकारी के अनुसार, शांति भंग होने और उपद्रव तथा जान-माल के नुकसान की आशंका के बारे में जानकारी मिलने के बाद पुलिस उपायुक्त (संचालन) द्वारा सोमवार को महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत लोगों के एकत्र होने और जुलूस निकालने पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया गया. उन्होंने कहा कि यह आदेश मंगलवार से लागू हो गया जो अगले 15 दिनों तक प्रभावी रहेगा.
आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने मंगलवार को कहा कि मराठा समुदाय के सदस्य 26 जनवरी को मुंबई में ताकत दिखाएंगे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वह आरक्षण की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल करेंगे. जरांगे ने 20 जनवरी को जालना जिले से मुंबई की ओर मार्च किया और रास्ते में हजारों समर्थक मार्च में शामिल हुए. वह मंगलवार को पुणे जिला पहुंचे.
क्या बोले मनोज जरांगे?
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मराठा समुदाय के लगभग दो-ढाई करोड़ लोग मुंबई आएंगे. मराठा समुदाय के लोग 26 जनवरी को अपनी ताकत दिखाएंगे.’’ जरांगे राज्य के सभी मराठों को कुनबी (अन्य पिछड़ा वर्ग) जाति का प्रमाणपत्र जारी करने की मांग कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘सरकार की ओर से मराठवाड़ा के संभागीय आयुक्त (मुझसे मिलने) आए लेकिन मैंने अपनी मांग दोहराई कि मराठों को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के तहत आरक्षण दिया जाए.’’
पुणे जिले के शिक्रापुर में मार्च के दौरान जरांगे का जोरदार स्वागत किया गया और लोग कतारबद्ध होकर उन्हें माला पहना रहे थे और उनके समर्थन में नारे लगा रहे थे. पुलिस ने बताया कि शिक्रापुर में करीब 750 वाहनों के काफिले के साथ कम से कम 15,000 लोग जरांगे के साथ थे.