मुंबई: महाराष्ट्र के अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा के जाति प्रमाण पत्र मामले की सुनवाई के दौरान शिवड़ी अदालत ने पुलिस को फटकार लगाई है. दरअसल शिवड़ी अदालत ने 23 अक्टूबर को नवनीत राणा के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया था. इसके साथ ही अदालत ने मुलुंड पुलिस को आदेश दिया था कि वो इस वारंट पर अमल करे.
याचिकाकर्ता ने क्या जानकारी अदालत को दी
सोमवार को सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता जयंत वंजारी ने अदालत को बताया कि नवनीत राणा के खिलाफ अदालत की ओर से जारी जमानती वारंट पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है. इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए अदालत ने पूछा, ''क्या पुलिस मैनेज हुई है? अदालत ने मुंबई पुलिस आयुक्त और लोकसभा अध्यक्ष को मामले के संबंध में पत्र लिखने का निर्देश दिया. इसके साथ ही अदालत ने संबंधित पुलिस उपायुक्त को इस संबंध में तत्काल कार्रवाई रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है. अब इस मामले की सुनवाई दोपहर बाद होगी.
क्या है पूरा मामला
सांसद नवनीत राणा पर आरोप है कि उन्होंने अपने चुनावी हलफनामे में जो जाति का प्रमाण पत्र जोड़ा वो फर्जी है. इस मामले में शिवसेना के पूर्व सांसद आनंदराव अडसूल और सुनील भालेराव बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा पहले ही खटखटा चुके हैं. इस मामले में सुनवाई के दौरान 2021 में हाईकोर्ट ने नवनीत राणा के जाति प्रमाण पत्र को रद्द कर दिया था. इसके चलते उनकी लोकसभा की सदस्यता खतरे में आ गई. हालांकि मुंबई हाई कोर्ट के फैसले को नवनीत राणा ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने के बाद फिलहाल हाई कोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा रखी है.
सांसद नवनीत राणा के परिजनों पर भी फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामले में गंभीर आरोप लगे हैं. नवनीत के पिता पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी जाति प्रमाणपत्र हासिल करने के लिए स्कूल के एडमिशन के भी झूठे दस्तावेज बनवाए. मुंबई के शिवड़ी कोर्ट द्वारा जारी किए गए गैर जमानती वारंट पर पुलिस क्या एक्शन लेती है यह सबसे बड़ा सवाल है.
ये भी पढ़ें