Maharashtra: BMC के खिलाफ विरोध मार्च से पहले उद्धव ठाकरे को झटका, शिवसेना दफ्तर पर चला प्रशासन का बुलडोजर
BMC Demolished Shiv Sena UBT Office: मुंबई के बांद्रा में उद्धव गुट की शाखा को प्रशासन ने तोड़ दिया है. BMC ने इसे अवैध निर्माण बताया है. इसे लेकर उद्धव गुट के नेताओं ने इसे बदले की कार्रवाई बताया है.
Mumbai Shiv Sena Office: बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने गुरुवार दोपहर को बांद्रा के निर्मल नगर में उद्धव ठाकरे के शिवसेना गुट के एक "अवैध" शाखा (कार्यालय) को ध्वस्त करना शुरू कर दिया. यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई हिंसा न हो, इलाके में मुंबई पुलिस तैनात की गई थी. इससे तीन दिन पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने (जब महा विकास अघाड़ी सरकार सत्ता में थी) बीएमसी द्वारा पहले किए गए विभिन्न कार्यों में "अनियमितताओं" की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने की मंजूरी दी थी.
मौके पर भारी पुलिस रही मौजूद
सोमवार देर रात सीएम कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि मुंबई पुलिस आयुक्त की अध्यक्षता वाली एसआईटी, भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (सीएजी) द्वारा चिह्नित मुंबई नागरिक निकाय के विभिन्न कार्यों में 12,024 करोड़ रुपये की अनियमितताओं की जांच करेगी. विज्ञप्ति में कहा गया है कि शिंदे ने मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा के शीर्ष अधिकारियों और अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को भी जांच में शामिल करने के निर्देश दिए हैं.
उद्धव ठाकरे गुट को झटका
नगर निगम ने नवंबर 2019-जून 2022 के दौरान कई कार्य किए, इस अवधि में कोविड-19 महामारी भी शामिल थी. मुंबई से बीजेपी के विधायक अमित साटम ने सीएजी द्वारा अपनी ऑडिट रिपोर्ट सौंपने के बाद विभिन्न Covid-19 से संबंधित कार्यों में अनियमितताओं का दावा करते हुए शिंदे को पत्र लिखा था. साटम ने अपने पत्र में सीएजी रिपोर्ट में उजागर हुई ''अनियमितताओं'' की एसआईटी जांच की मांग की थी. शिवसेना (यूबीटी) ने मंगलवार को 1 जुलाई को मुंबई नगर निगम के बाहर 'महामोर्चा' आयोजित करने की घोषणा की थी. यह प्रदर्शन बीएमसी के कामकाज में "अनियमितताओं" के विरोध में आयोजित किया जाएगा.
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि उनसे पूछने वाला कोई नहीं है. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पलटवार करते हुए कहा, "डकैतों को डकैती के बारे में बात करना शोभा नहीं देता" और दावा किया कि वे (शिवसेना-यूबीटी) डरे हुए हैं क्योंकि एक एसआईटी गठित की गई है.