Maharashtra News: कंगना रनौत की फिल्म 'इमरजेंसी' पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. महाराष्ट्र सिख एसोसिएशन का कहना है कि कंगना रनौत की फिल्म में सिख समुदाय के प्रति गहरी आपत्तिजनक और अपमानजनक कंटेंट है. फिल्म में सिख पात्रों का अनुचित चित्रण और ऐतिहासिक घटनाओं का विकृत प्रस्तुतीकरण न केवल गलत है बल्कि यह सिखों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला है.


एसोसिएशन ने कहा, "सिख समुदाय ने हमेशा न्याय, समानता और सच्चाई के मूल्यों का पालन किया है. हमारे इतिहास को विकृत करने या हमारी संस्कृति का अपमान करने का कोई भी प्रयास न केवल सिख समुदाय के लिए बल्कि उन सभी मूल्यों के लिए भी एक अपमान है जिनका हम सम्मान करते हैं."


'रिलीज पर किया जाए पुनर्विचार'
महाराष्ट्र सिख एसोसिएशन ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) से अपील है कि वे फिल्म 'इमरजेंसी' की तुरंत समीक्षा करें और इसके रिलीज पर पुनर्विचार किया जाए. एसोसिएशन ने कहा कि हम बोर्ड से अनुरोध करते हैं कि ऐसी फिल्मों को सर्टिफिकेट न दिया जाए, जिनका कंटेंट ऐतिहासिक तथ्यों को विकृत करती है और नकारात्मक धारणाओं को बढ़ावा देता हो.


फिल्म का बहिष्कार करने की अपील की
उन्होंने आगे कहा कि हम महाराष्ट्र और देशभर के सिख समुदाय के साथ-साथ सभी न्याय और सच्चाई के समर्थकों से इस फिल्म का बहिष्कार करने की अपील करते हैं. हमें ऐसे किसी भी मंच या माध्यम का समर्थन नहीं करना चाहिए जो हमारे धर्म के खिलाफ हानिकारक सामग्री का प्रचार करता हो.


'फिल्म से नकारात्मक भावनाएं पैदा न हों'
महाराष्ट्र सिख एसोसिएशन ने ये भी कहा कि हम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान करते हैं, यह आवश्यक है कि इस स्वतंत्रता का प्रयोग जिम्मेदारी के साथ किया जाए, विशेष रूप से ऐतिहासिक और धार्मिक विषयों के संदर्भ में. फिल्म निर्माताओं की जिम्मेदारी है कि वे ऐसे विषयों से सावधानी और ईमानदारी के साथ निपटें, यह सुनिश्चित करते हुए कि उनका कार्य किसी को नुकसान या नकारात्मक भावनाएं पैदा न करे.


'कानूनी विकल्पों का करेंगे इस्तेमाल'
उन्होंने आगे कहा कि अधिकारी कार्रवाई नहीं करते हैं, तो महाराष्ट्र सिख एसोसिएशन हमारे समुदाय की गरिमा की रक्षा करने और ऐसी सामग्री को फैलने से रोकने के लिए सभी कानूनी विकल्पों का उपयोग करेगी. हम सभी सिख संगठनों, सामुदायिक नेताओं और सदस्यों से हमारे साथ इस अपील में एकजुट होने का आह्वान करते हैं. हम मिलकर एक स्पष्ट संदेश देते हैं कि सिख समुदाय हमारे धर्म की बदनामी या हमारे इतिहास की गलत प्रस्तुति को बर्दाश्त नहीं करेगा.


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