Mumbai: एनसीपी नेता नवाब मलिक को कोर्ट ने दी किडनी टेस्ट कराने की इजाजत, 12 सितंबर को होगी जांच
Maharashtra News: मुंबई में नवाब मलिक (Nawab Malik) को एक एक विशेष धनशोधन रोकथाम अधिनियम ने किडनी से जुड़ी जांच करवाने की इजाजत दे दी है. बता दें कि ये जांच 12 सितंबर को की जाएगी.
महाराष्ट्र (Maharashtra) के मुंबई (Mumbai) शहर की एक विशेष धनशोधन रोकथाम अधिनियम (PMLA) अदालत ने धनशोधन मामले में गिरफ्तार महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक (Nawab Malik) को किडनी से जुड़ी एक विशेष जांच कराने की अनुमति दे दी है. वहीं इससे पहले विशेष अदालत ने पिछले महीने भी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता मलिक को ‘रीनल स्कैन’ कराने की अनुमति दी थी. लेकिन ये जांच पूरी नहीं हो सकी थी क्योंकि नवाब मलकि उस वक्त बुखार और स्वास्थ्य संबंधी अन्य समस्याओं से ग्रस्त थे.
जानिए क्या है रीनल स्कैन
आपको बता दें कि ‘रीनल स्कैन’ एक ‘न्यूक्लियर इमेजिंग टेस्ट’ है. जो किडनी का आकार, माप और उसके कार्य की जांच करने के लिए किया जाता है.इसके साथ ही ये जांच किडनी में रक्त प्रवाह की जांच करने के लिए भी की जाती है. वहीं विशेष अदालत के न्यायाधीश आर. एन. रोकाडे ने मंगलवार को मलिक के उस आवेदन को स्वीकार कर लिया जिसमें जांच कराने की अनुमति देने का अनुरोध किया गया था. बता दें कि इस आदेश की एक प्रति बुधवार को भी उपलब्ध कराई गई है.
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23 फरवरी को ED ने किया था गिरफ्तार
वहीं प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस साल 23 फरवरी को भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम से जुड़े धनशोधन मामले में नवाब मलिक को गिरफ्तार किया था. जिसके बाद वो पिछले काफी महीनों मलिक फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं और मुंबई की आर्थर रोड जेल में बंद किए गए है. हालांकि अदालत ने पहले चिकित्सा आधार पर उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया था. उनकी नियमित जमानत याचिका पर विशेष न्यायाधीश सुनवाई कर रहे हैं.
12 सितंबर को होगी जांच
मलिक ने अपने आवेदन में कहा था कि उन्हें 10 अगस्त को उपनगरीय घाटकोपर के एक अस्पताल में किडनी की जांच की अनुमति दी गई थी. याचिका में कहा गया कि हालांकि, तब जांच नहीं की जा सकी थी क्योंकि उन्हें तेज बुखार था और वो स्वास्थ्य संबंधी अन्य समस्याओं से ग्रस्त थे. अभियोजन पक्ष ने याचिका का विरोध नहीं किया और इसे अदालत के विवेक पर छोड़ दिया. चिकित्सा रिपोर्ट देखने के बाद, न्यायाधीश ने आर्थर रोड जेल अधीक्षक को उन्हें जांच के लिए 12 सितंबर को घाटकोपर के सर्वोदय अस्पताल परिसर में एक जांच केंद्र में ले जाने का निर्देश दिया. इस मामले में अदालत ने कहा कि जांच का खर्च मलिक द्वारा ही वहन किया जाएगा.
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