Mumbai News: मुंबई (Mumbai) की एक विशेष सीबीआई अदालत ने एक होटल व्यवसायी की शिकायत पर दर्ज 2021 के जबरन वसूली मामले में पूर्व पुलिसकर्मी सचिन वाजे (Sachin Waze) को शुक्रवार को जमानत दे दी. एक मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट द्वारा जमानत से इनकार किए जाने के बाद वाजे ने इस साल अगस्त में विशेष अदालत का रुख किया था. वाजे इस समय उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास ‘एंटीलिया’ के बाहर एक कार से विस्फोटकों की बरामदगी के मामले में और प्रवर्तन निदेशालय और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो के अधीन जांच वाले अन्य मामलों में न्यायिक हिरासत में है. वाजे को नवंबर 2021 में जबरन वसूली मामले में गिरफ्तार किया गया था.


वाजे की वकील आरती केलकर ने बताया कि विशेष न्यायाधीश एस यू हाके ने वाजे की जमानत याचिका मंजूर कर ली. विशेष अदालत के समक्ष दायर अपनी याचिका में, वाजे ने दलील दी कि वह उन अपराधों का आरोपी है जिसके लिए अधिकतम सजा तीन साल है. वाजे ने याचिका में कहा कि चूंकि उसने विचाराधीन कैदी के रूप में आधी से अधिक सजा काट ली है, वह दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के प्रावधानों के तहत जमानत का हकदार है.सीबीआई ने याचिका का विरोध किया और अदालत को बताया कि वाजे के खिलाफ लगाए गए आरोपों में 10 साल तक की सजा हो सकती है. 


ये है मामला
सीबीआई ने कहा कि वाजे नवंबर 2021 से (इस मामले में) न्यायिक हिरासत में है, इसलिए, यह स्पष्ट है कि आरोपी अपराध के लिए निर्धारित सजा की अधिकतम अवधि के आधे समय तक हिरासत में नहीं रहा है. गोरेगांव पुलिस ने अगस्त 2021 में होटल व्यवसायी और ठेकेदार बिमल अग्रवाल की शिकायत के आधार पर वाजे, मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था. अग्रवाल ने आरोप लगाया था कि आरोपियों ने उसके स्वामित्व वाले दो बार के खिलाफ मामला दर्ज करने की धमकी दी थी और 11.92 लाख रुपये जबरन वसूले. यह अपराध कथित तौर पर जनवरी 2020 और मार्च 2021 के बीच हुआ था. बाद में उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद मामला सीबीआई को स्थानांतरित कर दिया गया.


Maharashtra: शरद पवार का बड़ा बयान- 'I.N.D.I.A के सहयोगी दलों के बीच मतभेद से इनकार नहीं किया जा सकता लेकिन...'