Mumbai Court: एक विशेष पॉक्सो अदालत ने 50 वर्षीय एक व्यक्ति को अपनी भतीजी का यौन उत्पीड़न करने और उसे गर्भवती करने के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. अदालत ने कहा कि आदमी का कृत्य इतना गंभीर है कि इसके लिए अधिकतम सजा की आवश्यकता है और वह किसी भी तरह की नरमी का हकदार नहीं है. अदालत ने अपने आदेश में कहा, “आरोपी पीड़िता का रिश्तेदार है जिसने पीड़िता के साथ यौन संबंध बनाए और बार-बार ऐसा किया. उसके साथ बलात्कार किया. इसके अलावा, उसने अभियोक्ता को गर्भवती कर दिया. पीड़िता का गर्भपात हो चुका है और वर्तमान में उसे सीडब्ल्यूसी (बाल कल्याण समिति) के आश्रय गृह में रहना पड़ रहा है.'' विशेष न्यायाधीश टीएस भोगटे ने 24 नवंबर को उस व्यक्ति को बलात्कार का दोषी ठहराया.


2017 का है मामला
आदमी के खिलाफ मामला जुलाई 2017 में यहां दर्ज किया गया था. अभियोजन पक्ष के अनुसार, पीड़िता उत्तर प्रदेश की मूल निवासी है जहां उसने कक्षा 6 तक पढ़ाई की थी. वह आगे की पढ़ाई के लिए 2012 में मुंबई चली गई. पीड़िता ने अदालत को बताया कि जब भी घर में कोई अन्य व्यक्ति नहीं होता था तो उसके चाचा ने उसे गलत तरीके से छूकर दो साल तक उसका यौन उत्पीड़न किया. उसने दावा किया कि मार्च 2017 में होली के बाद, उसके चाचा ने उसका यौन उत्पीड़न किया और उसे धमकी दी. इसे किसी को न बताएं. उस व्यक्ति ने आरोपों से इनकार किया और कहा कि उस समय उसकी भतीजी नाबालिग नहीं थी. उन्होंने कहा कि उनके बीच सहमति से संबंध थे.


कोर्ट ने कही ये बात
उनके बचाव को खारिज करते हुए अदालत ने कहा, “अभियोक्ता के साथ अभियुक्त का संबंध निषिद्ध संबंध की डिग्री के भीतर है. इन परिस्थितियों में, यह असंभव है कि अभियोक्ता (उत्तरजीवी) जो आरोपी की भतीजी है, आरोपी के साथ यौन संबंध के लिए सहमति देने वाली पार्टी है. अदालत ने मेडिकल सबूतों पर भरोसा किया, जिसमें कहा गया था कि लड़की की उम्र 19 से 20 साल के बीच थी. इसके अलावा, अदालत ने कहा कि यह दिखाने के लिए कोई सबूत नहीं है कि घटना के समय लड़की नाबालिग थी. अदालत ने व्यक्ति को दोषी ठहराया. अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने स्थापित किया है कि उसने उसके साथ "जबरन यौन संबंध बनाए", "बार-बार बलात्कार किया" और पीड़िता को हमलों के बारे में किसी को न बताने की "धमकी" दी.


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