Mumbai: 11 साल की बेटी को फांसी पर लटकाने के बाद खुद भी फंदे से लटका शख्स, यह वजह आई सामने
Mumbai Stock broker Hanging Case: मृतक स्टॉक ब्रोकर भूपेश पवार ने एक सुसाइड नोट छोड़ा है, जिसमें अपनी पत्नी और सास-ससुर को इस घातक कदम उठाने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया है.
Mumbai Latest News: मुंबई के स्टॉक ब्रोकर ने अपनी 11 साल की बच्ची को फांसी पर लटकाने के बाद खुद भी फांसी के फंदे पर झूल गया. पुलिस ने बताया कि मृतक ने मंगलवार को परेल के लालबाग में अपने घर में अपनी 11 वर्षीय बेटी को फांसी लगाने के बाद खुद को फांसी लगा ली. पुलिस (Mumbai Police) के मुताबिक 42 वर्षीय स्टॉक ब्रोकर (Stock broker) ने ये घातक कदम पत्नी के साथ तनावपूर्ण संबंध की वजह से उठाया.
मृतक स्टॉक ब्रोकर भूपेश पवार ने एक सुसाइड नोट छोड़ा है, जिसमें अपनी पत्नी और सास-ससुर को इस घातक कदम उठाने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया है. पुलिस के मुताबिक मंगलवार की सुबह करीब साढ़े नौ बजे दंपति के बीच तीखी नोकझोंक हुई, जिसके बाद स्टॉक ब्रोकर की पत्नी भाग्यश्री काम पर चली गई. इके बाद पवार ने 11 वर्षीय बेटी को फांसी लगाने के बाद खुद भी फांसी लगा ली.
सुसाइड नोट से खुला राज
गौरतलब है कि पुलिस ने पहले दुर्घटनावश मौत की रिपोर्ट दर्ज की थी, लेकिन सुसाइड नोट मिलने के बाद उन्होंने हत्या और आत्महत्या के लिए उकसाने के दो अलग-अलग मामले दर्ज किए. यह नोट 20 अप्रैल का है, जिससे पता चलता है कि पवार कुछ समय से इस कदम पर विचार कर रहे थे. सुसाइड नोट को हस्तलिपि सत्यापन के लिए विशेषज्ञों के पास भेजा गया है. सुसाइड नोट में कहा गया है कि पवार का बैंक बैलेंस और घर उनके छोटे भाई के पास जाना चाहिए और नोट को उनकी वसीयत माना जाना चाहिए.
ऐसे हुआ आत्महत्या का खुलासा
नौकरी पर जाने के बाद करीब 11.30 बजे पवार की पत्नी भाग्यश्री ने अपनी बेटी आरा को फोन किया, लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया. इसके बाद उसने अपने पति को फोन किया, जिसने भी कोई जवाब नहीं दिया. फिर वह घर भागी, लेकिन किसी ने दरवाजे पर जवाब नहीं दिया. उन्होंने तुरंत पुलिस कंट्रोल रूम को फोन किया. पुलिस ने दरवाजा तोड़ा तो पवार और आरा हॉल में लटके मिले. पुलिस उन्हें केईएम अस्पताल ले गई, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
12 वर्ष पहले हुई थी शादी
पुलिस ने कहा कि पवार और भाग्यश्री की शादी को 12 साल हो गए थे. पवार स्टॉक ब्रोकिंग और निवेश करने का काम करते थे. वहीं, भागश्री डेटा एंट्री ऑपरेटर के रूप में अंशकालिक नौकरी हैं, जो पवार को पसंद नहीं था. एक अधिकारी ने कहा कि हमें बताया गया है कि दंपति के बीच अक्सर छोटी-छोटी बातों पर झगड़ा होता था और दोनों एक-दूसरे के चरित्र पर शक करते थे. एक अन्य अधिकारी ने कहा कि हाल ही में भाग्यश्री अपने माता-पिता के साथ रहने चली गई थी. दोनों परिवारों के बीच-बचाव के बाद समझौता हुआ था. इस मामले में सहायक पुलिस आयुक्त कल्पना गडेकर ने कहा कि हम सुसाइड नोट का अध्ययन कर रहे हैं.
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