Maharashtra News: मुंबई की कुछ छात्रों ने कॉलेज में बुर्का, नकाब और हिजाब पहनने पर लगी रोक को हटाने की मांग करते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट का रुख किया है. कॉलेज ने 9 छात्राओं ने ड्रेस कोड को लेकर जारी निर्देश को चुनौती दी है. दरअसल, कॉलेज की ओऱ से जारी निर्देश में कहा गया है कि आपको कॉलेज के अंदर ऐसे कपड़े पहनकर आने हैं जिससे आपके धर्म का पता न चलता हो जैसे कि बुर्का, नकाब, हिजाब, टोपी, बैज और स्टोल नहीं पहनना है.
निर्देश में लड़कों को हाफ शर्ट और नॉर्मल ट्राउजर जबकि लड़कियों के लिए भारतीय और गैर-भारतीय लिबास पहनने की इजाजत दी गई है. बताया गया है कि यह ड्रेस कोड इसी महीने से लागू हो जाएगा. इससे जुड़ी गाइडलाइन को सेकेंड और थर्ड ईयर स्टूडेंट्स को व्हॉट्सऐप ग्रुप के जरिए फैकल्टी मेंबर्स ने भेजी है.
मामले में 18 जून को हो सकती है सुनवाई
बताया जा रहा है कि स्टूडेंट्स की अपील पर बॉम्बे हाई कोर्ट के जस्टिस एस एस चंदुरकर और राजेश पाटिल की खंडपीठ 18 जून को सुनवाई कर सकता है. यह याचिका अधिवक्ता अल्ताफ खान के जरिए दायर की गई है जब कॉलेज की कई लड़कियों को हिजाब पहनने के कारण कॉलेज में एंट्री नहीं दी गई. इससे नाराज होकर ही याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट का रुख किया है. उनका कहना है कि कॉलेज ने गैरकानूनी रूप से बेवजह के निर्देश दिए हैं.
कॉलेज की गाइडलाइन को बताया मनमाना
याचिका में कहा गया है कि कॉलेज मुंबई यूनिवर्सिटी से मान्यता प्राप्त और महाराष्ट्र सरकार से सहायता प्राप्त है. कॉलेज के पास ऐसे सख्त निर्देश जारी करने की कोई शक्ति नहीं है. इसलिए यह नोटिस बरकरार नहीं रह सकती. याचिका में कहा गया है कि नकाब और हिजाब याचिकाकर्ताओं की धार्मिक आस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा है और यह उनकी अपनी इच्छा और उनकी निजता का अधिकार है कि वे क्लासरूम में नकाब और हिजाब पहन सकती हैं. याचिका में कोर्ट से मांग की गई है कि विवादित नोटिस को मनमाना घोषित करने के लिए निर्देश जारी किया जाए.
ये भी पढ़ें- सीट शेयरिंग को लेकर छगन भुजबल के आरोपों पर बोले संजय निरुपम, 'जो होना था हो चुका अब...'