26/11 Mumbai Attack: मुंबई में 14 साल पहले 26 नवंबर को भारत ने सबसे भयानक आतंकवादी हमलों में से एक को देखा था. आज भारत के इतिहास में सबसे भयानक आतंकवादी हमले की बरसी है, जिसमें कई लोग मारे गए और कई घायल हुए थे. वहीं आतंकी हमले की 14वीं बरसी पर शहीदों के परिजनों ने उन्हें याद किया और कभी न भूलने वाली घटना की भयावह यादों को ताजा किया. मुंबई पुलिस के कांस्टेबल जयवंत पाटिल की भतीजी का कहना है कि आतंकी हमले से हुए नुकसान को वह अब भी नहीं भूल सकती हैं.
मुंबई पुलिस कांस्टेबल जयवंत पाटिल की भतीजी दिव्या पाटिल ने बताया "मैंने अपने चाचा जयवंत पाटिल को खो दिया. कई साल बीत चुके हैं और हम अभी भी इसे भूल नहीं सकते हैं, लेकिन सरकार ने कम से कम बहुत सी चीजों को याद रखा है, जो हमारे लिए एक सकारात्मक नोट है."
परिजनों ने कहा
वहीं पुलिस अधिकारी विजय सालस्कर की बेटी दिव्या सालस्कर ने मुंबई को झकझोर देने वाली घटना की यादों के बारे में बात करते हुए मुंबई के लोगों की प्रशंसा की और कहा कि शहर के लोगों ने बहुत प्यार और करुणा दी है, जिससे वह और उनकी मां जीवित हैं. "मैं इसे याद नहीं रखने की कोशिश करती हूं, लेकिन निश्चित रूप से यह हर जगह है, शहर के लोगों ने बहुत प्यार और करुणा दी है जो मुझे और मेरी मां को हर दिन जीवित रखती है."
डिप्टी सीएम ने दी श्रद्धांजलि
इससे पहले एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने मुंबई आतंकी हमले की 14वीं बरसी पर मुंबई में तुकाराम ओंबले स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की. गेटवे ऑफ इंडिया और ताज होटल के बाहर शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस भी शामिल हुए. 2008 में लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादियों (एलईटी) ने 12 समन्वित गोलीबारी और बमबारी हमलों को अंजाम दिया, जिसमें कम से कम 166 लोग मारे गए और 300 घायल हुए थे.