Mumbai Torres Scam: मुंबई पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने शिवाजी पार्क पुलिस स्टेशन के अधिकारियों पर जांच बैठाई है. सूत्रों के अनुसार, यह जांच ACP दर्जे के अधिकारी को दी गई है, जो यह पता लगाएंगे कि महीनों पहले संभावित टोरेस स्कैम की जानकारी होने के बावजूद पुलिस ने कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठाया. यदि अधिकारियों द्वारा समय रहते इस पर कार्रवाई की जाती, तो छह महीने पहले ही इस घोटाले को रोका जा सकता था, जिससे हजारों लोग ठगे जाने से बच सकते थे.


टोरेस कंपनी से जुड़ी संदिग्ध गतिविधियों का सबसे पहले शिवाजी पार्क पुलिस स्टेशन ने जून 2024 में पता लगाया था. इसके बाद अक्टूबर में नवी मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने भी इसे नोटिस किया. 29 जून को शिवाजी पार्क पुलिस स्टेशन के PSI विनय माने ने कंपनी के निदेशकों को एक नोटिस जारी किया, जिसमें उन्हें कंपनी के ऑपरेशंस और बिजनेस गतिविधियों के बारे में जानकारी देने के लिए कहा था.


यह कार्रवाई तब हुई, जब माने को इलाके में पेट्रोलिंग करते समय संदिग्ध गतिविधि का पता चला था. लेकिन इसके बाद कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. नवी मुंबई पुलिस ने 24 अक्टूबर को कंपनी को नोटिस जारी किया और 14 नवंबर को आयकर विभाग ने भी नोटिस भेजा, लेकिन फिर भी कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई.


विदेशी आरोपी हुए फरार


इस नाकामयाबी के कारण कंपनी ने बिना किसी रोक-टोक के अपना घोटाला फैलाया, और इसमें शामिल विदेशी नागरिक भागने में सफल हो गए. इस जांच के बाद उम्मीद है कि इस गंभीर मामले में जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.


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