Mumbai Torres Ponzi Scam: करोड़ों रुपये के टोरेस पोंजी घोटाले (Torres Ponzi Scam) की जांच कर रही आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने कोर्ट को बताया कि हजारों निवेशकों को बेचे गए हीरे और पत्थर नकली निकले हैं. EOW ने इस घोटाले की शुरुआती जांच में यह पता लगाया है. वहीं, अबतक सोने के गहनों पर विस्तृत रिपोर्ट नहीं आई है, उसका इंतजार किया जा रहा है.


अधिकारियों ने खुलासा किया कि 500 और 1000 रुपये की कीमत के पत्थरों को हाई क्वॉलिटी रत्न बताकर कई गुना ज्यादा दाम पर बेचा गया था. इतना ही नहीं, आरोपियों ने नकली पत्थरों को कीमती साबित करने के लिए खुद की ही एक वेबसाइट बनाई थी, जिसपर इन नकली पत्थरों के बारे में बड़ी-बड़ी बातें लिखी गई थीं. 


टोरेस पोंजी स्कैम का यूक्रेन कनेक्शन
वेबसाइट को कथित तौर पर यूक्रेन के घोटालेबाजों ने बनाया था. आर्थिक अपराध शाखा ने जांच के दौरान पाया है कि यह घोटाला यूक्रेन के नागरिकों द्वारा रची हुई बहुत बड़ी साजिश है. इन आरोपियों की प्लानिंग के मुताबिक, लोअर मिडल क्लास के लोग 40 हजार रुपये से लेकर 50 हजार रुपये तक निवेश कर सकें, ऐसी स्कीम तैयार की गई थी. 


ओलेना स्टोइन है मास्टरमाइंड
EOW के अधिकारी ने बताया कि मामले में शामिल 10 विदेशी नागरिक फिलहाल फरार हैं और उनके खिलाफ लुक आउट सर्कुलर (LOC) जारी किया गया है. हालांकि, उनमें से ज्यादातर आरोपी पहले ही देश छोड़कर भाग चुके हैं. EOW के मुताबिक, इस घोटाले के पीछे का मास्टरमाइंड ओलेना स्टोइन है.


एक अधिकारी ने बताया जानकारी दी है कि आरोपियों ने इस घोटाले को अंजाम देने की पूरी योजना बनाई थी और उनकी रणनीति के अनुसार उन्हें क्रिसमस के दौरान देश से भागना था. भागे हुए लोगों के वीजा अगले महीने तक एक्सपायर होने वाले हैं. यह उनकी प्लानिंग थी कि 2024 के अंत तक घोटाला करो और फिर क्रिसमस की आड़ में देश छोड़कर भाग जाओ. क्रिसमस में देश से बाहर जाने पर किसी को संदेह भी नहीं होगा और इन्होंने ऐसा ही किया.


पकड़ी गईं आरोपी महिलाएं जांच में नहीं कर रहीं सहयोग
ईओडब्ल्यू के अनुसार, मामले में गिरफ्तार किए गए दो विदेशी नागरिकों- तानिया उर्फ तजागुल खटासोवा और रूसी नागरिक वैलेंटिना कुमारी (एक ओसीआई कार्ड होल्डर) को कोर्ट ने EOW की कस्टडी में भेज दिया है. पुलिस ने बताया कि दोनों आरोपी जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं. इस मामले की आरोपी तानिया उर्फ तजागुल खटासोवा को पहले भी साल 2008 में मुंबई की सहार पुलिस ने मरियम खराखान गिज़ी के नाम से नकली पासपोर्ट रखने के आरोप में गिरफ्तार किया था.


अब तक 2 हजार से ज्यादा शिकायतें
जांच में आगे यह भी पता चला है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान डोंगरी पुलिस ने 62 लाख रुपये जब्त किए थे और खटासोवा ने कथित तौर पर मामले के सेटलमेंट के लिए इंटरफेयर किया था. इस संदर्भ में EOW आयकर विभाग से भी जानकारी इकट्ठा कर रही है. अब तक 2000 शिकायतकर्ता सामने आए हैं, जिन्होंने लगभग 39 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी रिपोर्ट की है. अबतक EOW ने 11 टोयोटा ग्लैंजा कारों सहित 21 करोड़ रुपये की वस्तुएं और कैश जब्त कर लिए हैं.


यह भी पढ़ें: लाडकी बहिन योजना का लाभ ले चुकीं इन महिलाओं पर लगेगा जुर्माना? छगन भुजबल ने कर दी बड़ी मांग