Mumbai News: मुंबई पुलिस इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि उपनगर मलाड में रामनवमी की एक शोभायात्रा पर पथराव करने के मामले के आरोपियों ने एक मस्जिद के पास बैठ कर हिंसा की कथित तौर पर साजिश रची थी. अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी. मलाड के मालवानी इलाके में 30 मार्च को हुई घटना के सिलसिले में अब तक 20 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है.


अधिकारियों ने बताया कि 200 से अधिक लोगों के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की गई है. हिंसा की घटना की जांच कर रही मालवानी पुलिस की एक टीम ने दो अप्रैल को आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) के एक अधिकारी और मालवानी पुलिस थाने के एक अन्य पुलिसकर्मी के बयानदर्ज किए थे. 


इरादतन हिंसा की घटना को अंजाम दिया


उन्होंने कहा कि दोनों पुलिसकर्मियों ने अपने-अपने बयान में पुलिस को बताया कि गिरफ्तार और वांछित लोगों सहित आरोपी व्यक्तियों ने जानबूझ कर और इरादतन हिंसा की घटना को अंजाम दिया. अधिकारी ने बताया कि वे गैरकानूनी रूप से एकत्र होने के आदेशों की अवज्ञा करते हुए और अपराध की साजिश रचने के लिए एक मस्जिद के निकट बैठे थे.


इन धाराओं में केस दर्ज


उन्होंने बताया कि पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशों के बाद दो अप्रैल को मामले में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120 (बी) (आपराधिक साजिश के लिए दंड) जोड़ी गई. इससे पहले, पुलिस ने आईपीसी की धारा 353 (एक लोकसेवक को उसके कर्तव्यों के निर्वहन से रोकने के लिए हमला करना या प्रतिरोध करना), 324 ( खतरनाक हथियारों से स्वेच्छा से नुकसान पहुंचाना), 145 (गैरकानून एकत्र होना), 147 ( दंगा करना) और महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम की संबद्ध धाराओं के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की थी. 


मालवानी इलाके में 30 मार्च को पैदा हुआ था तनाव 


पुलिस के एक अधिकारी ने पूर्व में बताया था कि मालवानी इलाके में मस्जिदों के आसपास से शोभायात्रा के गुजरने के दौरान तेज आवाज में संगीत बजाने को लेकर विवाद होने पर 30 मार्च को तनाव पैदा हुआ था. प्राथमिकी के अनुसार, 6,000 से अधिक लोगों ने रामनवमी की शोभायात्रा में भाग लिया था, जिसका आयोजन बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद और अन्य हिंदू संगठनों ने किया था. शोभायात्रा दोपहर में राम जानकी मंदिर से शुरू हुई थी. 


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