Malaria Cases In Mumbai: मानसून की शुरुआत से पहले ही, जून के पहले पांच दिनों में, मुंबई (Mumbai) में मलेरिया (Malaria) के 57 मामले दर्ज किए गए थे. इनमें से ज्यादातर मामले जी साउथ (एलफिंस्टन) और ई (बायकुला) वार्ड से सामने आ रहे हैं. शनिवार को शहर में मानसून के आने के साथ मच्छर जनित बीमारियों के और बढ़ने की आशंका जताते हुए बीएमसी ने लोगों को खुद से दवाईयां लेने बचने का निर्देश दिया है. बीएमसी ने कहा है कि चूंकि मलेरिया के मामले बढ़ रहे हैं, मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए सभी सावधानियां बरतनी चाहिए. इस सप्ताह की शुरुआत में जारी बीएमसी एडवाइजरी में कहा गया है कि बेड नेट और विंडो शीट का इस्तेमाल करें.
इस साल 5 जून तक, मुंबई में मलेरिया के 950 और डेंगू के 94 मामले सामने आए थे. इससे संबंधित मौत की कोई सूचना नहीं मिली. बीएमसी की शुरुआती जांच से पता चलता है कि मामले रिहायशी इलाकों और कंस्ट्रक्शन साइट दोनों से सामने आ रहे हैं.
बीएमसी के स्वास्थ्य अधिकारी ने कही ये बात
चूंकि मलेरिया और कोविड-19 के समान लक्षण हैं, डॉक्टरों ने रोगियों को बुखार, सिरदर्द, चकत्ते, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, उल्टी और दस्त की शिकायत होने पर इलाज में देरी से बचने की चेतावनी दी है. बीएमसी के कार्यकारी स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मंगला गोमारे ने कहा कि “हम बीमारी के स्रोत का पता लगाने के लिए मलेरिया के सभी मामलों की व्यक्तिगत रूप से जांच कर रहे हैं. कोविड-19 के डर से बुखार और बदन दर्द जैसे लक्षण वाले कई लोग तेजी से अस्पतालों में पहुंच रहे हैं, जिससे समय पर निदान और इलाज में मदद मिल रही है." इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, मलेरिया के अलावा, मुंबई में जून के पहले पांच दिनों में डेंगू के 10 मामले दर्ज किए गए. इसी अवधि में ई, एच वेस्ट (खार) और एच ईस्ट (बांद्रा) वार्डों में वेक्टर जनित गैस्ट्रो के 78 मामले सामने आए.