Maharashtra News: पवई पुलिस ने एक मल्टीनेशनल इनवेस्टमेंट बैंक और वित्तीय सेवा कंपनी से 3.5 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में एक 40 वर्षीय महिला को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने कहा कि कंपनी के साथ एक कार्यकारी निदेशक के निजी सहायक (पीए) के रूप में 16 साल तक काम करने वाली महिला ने धोखाधड़ी से कंपनी के नाम पर गिफ्ट वाउचर खरीदकर उन्हें धोखा दिया. महिला मनप्रीत शाहनी को कांदिवली स्थित उसके घर से पकड़ा गया. पुलिस ने कहा कि महिला कंपनी की ओर से गिफ्ट वाउचर ऑर्डर करने की प्रभारी थी.


एक अधिकारी ने कहा कि कंपनी की अच्छा प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों को गिफ्ट वाउचर के साथ पुरस्कृत करने की पॉलिसी है. उनके प्रदर्शन के आधार पर वे या तो 3,000 रुपये या 1,000 रुपये होंते हैं. भारत भर में कंपनी के हर विभाग के प्रमुख गिफ्ट कार्ड के लिए महिला से संपर्क करते थे क्योंकि उन्हें कंपनी के लिए गिफ्ट कार्ड ऑर्डर करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. जांच के दौरान, पुलिस को पता चला कि शाहनी जरूरत से ज्यादा वाउचर मंगवाती थी और वह अतिरिक्त वाउचर घर ले जाती थी और उन्हें भुना लेती थी.


कंपनी को ऐसे लगी भनक


पुलिस ने कहा कि उसने 2016 से 2018 तक अपराध किया. हालांकि, यह घटना जनवरी 2019 में सामने आई, जब कंपनी के एडमिन डिपार्टमेंट को उनके बैंक खाते से कुछ संदिग्ध लेनदेन का पता चला. शाहनी ने नवंबर 2018 में 29.90 लाख रुपये के 2,600 गिफ्ट कार्ड का ऑर्डर दिया था. चूंकि पूरे भारत में किसी भी विभाग से ऐसे गिफ्ट कार्ड की कोई मांग नहीं थी, विभाग ने कुछ गड़बड़ पाया और बैंक के उच्च अधिकारियों को मामले की सूचना दी.


एक अधिकारी ने कहा कि जब अपराध सामने आया, तब महिला सिक लीव पर थी, हालांकि, जब कंपनी ने लेन-देन के बारे में पूछताछ करने के लिए उनसे संपर्क किया, तो उन्होंने कथित तौर पर बताया कि गिफ्ट कार्ड ऑफिस में ही थे. फिर वह गई और उन 2,600 गिफ्ट कार्डों को कार्यालय में रख दिया. बाद में उसने इस्तीफा दे दिया और फरवरी 2019 में काम छोड़ दिया. बकौल द इंडियन एक्सप्रेस, कंपनी के सतर्कता विभाग ने पाया कि उन्होने वर्षों से इस प्रक्रिया का दुरुपयोग किया था और धोखे से 3.5 करोड़ रुपये के उपहार कार्ड हासिल किए थे.


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इन धाराओं में महिला पर दर्ज हुआ मामला


कंपनी के उपाध्यक्ष ने 17 जनवरी, 2020 को पवई पुलिस स्टेशन को मामले की सूचना दी, जिसके बाद भारतीय दंड संहिता की धारा 408 (क्लर्क या नौकर द्वारा आपराधिक विश्वासघात) और 420 (धोखाधड़ी) के तहत मामला दर्ज किया गया. महिला को पता चला कि उसके खिलाफ एक मामला दर्ज किया गया था जिसके बाद उसने अग्रिम जमानत के लिए निचली अदालत और बाद में सत्र अदालत का दरवाजा खटखटाया. उसकी याचिका खारिज कर दी गई.


बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी आवेदन किया खारिज


एक जांचकर्ता अधिकारीने कहा कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी बीते 30 अप्रैल को उसके आवेदन को खारिज कर दिया था और तब से हम उसकी तलाश कर रहे थे. पिछले हफ्ते, पुलिस को पता चला कि वह अपने कांदिवली स्थित आवास पर थी जिसके बाद मंगलवार की सुबह एक टीम उसके घर गई और उसे गिरफ्तार कर लिया. पवई पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक बुधन सावंत ने गिरफ्तारी की पुष्टि की लेकिन मामले के बारे में अधिक जानकारी देने से इनकार कर दिया.


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