Maharashtra Assembly Election 2024: महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी (MVA) के नेताओं ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राज्य के प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र से कम से कम 10,000 वैध मतदाताओं के नाम हटवाने का आरोप लगाया. शिवसेना (UBT) के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने कहा कि बीजेपी की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले मतदाता सूची से वैध मतदाताओं के नाम हटवाने और फर्जी मतदाताओं के नाम शामिल करवाने की साजिश में शामिल थे. 


उन्होंने कहा, “प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र से कम से कम 10,000 वैध मतदाताओं के नाम हटाने की साजिश का पर्दाफाश हो चुका है. हम लोगों में जागरूकता फैलाएंगे और जरूरत पड़ने पर उन लोगों के साथ निर्वाचन कार्यालय तक विरोध मार्च निकालेंगे, जिनके नाम काटे गए हैं." वहीं, महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले का कहना है कि एमवीए नेताओं ने महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मुलाकात की है और विपक्षी गठबंधन इस मामले में निर्वाचन आयोग को एक विस्तृत ईमेल भी भेजेगा.


‘वैध मतदाताओं के नाम हटवाए गए’
कांग्रेस नेता पटोले ने कहा, "विधानसभा चुनाव हारने के डर से वैध मतदाताओं के नाम हटवाए जा रहे हैं. अन्य राज्यों के फर्जी मतदाताओं के नाम शामिल किए जा रहे हैं. कुछ अधिकारी बीजेपी के साथ मिले हुए हैं. अगर निर्वाचन आयोग पारदर्शी तरीके से विधानसभा चुनाव नहीं करवाएगा, तो महाराष्ट्र की जनता इसे बर्दाश्त नहीं करेगी." उन्होंने आरोप लगाया कि जिन मतदाताओं के नाम काटे गए हैं, वे जाति ‍विशेष और धर्म विशेष से जुड़े हुए हैं. 


राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के विधायक जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि एमवीए ने पाया है कि शिरडी, चंद्रपुर, अरवी, कैम्पटी, कोथरुड, गोंदिया, अकोला पूर्व, चिखली, नागपुर, कणकवली, खामगांव, चिमूर और धामनगांव रेलवे विधानसभा क्षेत्रों में ऐसे हजारों वैध मतदाताओं के नाम हटा दिए गए हैं, जिन्होंने 2024 के लोकसभा चुनावों में अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था.


‘पुलिस महानिदेशक को क्यों नहीं हटा सकता’
इसबीच, पटोले ने सवाल किया कि निष्पक्ष एवं स्वतंत्र चुनाव कराने के लिए निर्वाचन आयोग महाराष्ट्र की पुलिस महानिदेशक (रश्मि शुक्ला) को क्यों नहीं हटा सकता, जबकि उसने चुनावी राज्य झारखंड में ऐसा कदम उठाया है. निर्वाचन आयोग ने शनिवार को झारखंड सरकार को राज्य के कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अनुराग गुप्ता को तत्काल प्रभाव से हटाने का निर्देश दिया, क्योंकि पिछले चुनावों में उनके खिलाफ कई शिकायतें मिली थीं.


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