Maharashtra News: वकील सतीश ऊके और उनके भाई प्रदीप को अदालत ने शुक्रवार को धन शोधन के एक मामले में छह अप्रैल तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेज दिया. नागपुर के पार्वती नगर में स्थित अधिवक्ता के आवास पर ईडी के छापा मारने के बाद ऊके बंधुओं को धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया गया.
उन दोनों को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जी बी राव के समक्ष पेश किया गया, जिन्होंने उन्हें मामले में आगे की जांच के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया. ईडी के मुताबिक, ऊके बंधुओं के खिलाफ पीएमएलए का मामला नागपुर में कुछ समय पहले कथित तौर पर जाली दस्तावेजों के आधार पर 1.5 एकड़ जमीन खरीदने से संबद्ध है. ईडी ने आरोप लगाया है कि यह जमीन दोनों भाइयों के नाम से खरीदी गई थी.
उल्लेखनीय है कि अधिवक्ता सतीश ऊके ने भारतीय जनता पार्टी के कई नेताओं, खासतौर पर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ अदालतों में कई याचिकाएं दायर कर रखी हैं. फडणवीस के चुनावी हलफनामे में आपराधिक मामलों का खुलासा नहीं करने को लेकर उनके खिलाफ आपराधिक कार्यवाही की ऊके की एक अर्जी में मांग की गई थी.
अधिवक्ता ऊके ने बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर पीठ में याचिका दायर कर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) के न्यायाधीश बी. एच. लोया की संदिग्ध परिस्थितियों में और असमय मृत्यु की पुलिस जांच का आदेश देने का भी आग्रह किया था. न्यायाधीश लोया, 2014 के सोहराबुद्दीन शेख कथित फर्जी मुठभेड़ मामले की सुनवाई कर रहे थे.
ऊके, महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले के भी वकील हैं, जिन्होंने (कांग्रेस नेता ने) कथित तौर पर अवैध रूप से अपना फोन टैप किये जाने को लेकर यहां एक दीवानी अदालत में भारतीय पुलिस सेवा की अधिकारी एवं राज्य खुफिया विभाग की पूर्व प्रमुख रश्मि शुक्ला व अन्य के खिलाफ 500 करोड़ रुपये का मानहानि का मुकदमा दायर किया था.
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