Nagpur News: नागपुर में बिल्डर से 200 करोड़ रुपये की ‘जबरन वसूली’ की कोशिश, दो भाइयों के खिलाफ FIR
Economic Offenses Wing: महाराष्ट्र के नागपुर में आर्थिक अपराध शाखा ने दो भाइयों के खिलाफ केस दर्ज किया है. उनपर एक बिल्डर से दो सौ करोड़ रुपये की वसूली करने का आरोप है.
Nagpur Police: नागपुर पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने एक बिल्डर से 200 करोड़ रुपये की जबरन वसूली का प्रयास करने के आरोप में दो कारोबारी भाइयों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. एक अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि आरोपियों और शिकायतकर्ता के बीच अतीत में कुछ रियल एस्टेट परियोजनाओं को लेकर संबंध थे लेकिन बाद में मतभेद पैदा हो गए.
अधिकारी ने बताया कि बिल्डर ने कारोबारी भाइयों पर संपत्ति के सौदे में जबरन हस्ताक्षर कराने और मूल दस्तावेज अपने पास रखने का आरोप लगाया है. अधिकारी ने बताया कि जब बिल्डर ने विवाद सुलझाने की कोशिश की तो दोनों भाइयों ने कथित तौर पर 200 करोड़ रुपये मांगे. अधिकारी ने बताया कि सदर पुलिस ने भाइयों के खिलाफ जबरन वसूली, धोखाधड़ी और आपराधिक धमकी के आरोप में भारतीय दंड संहिता की संबद्ध धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है.
नवी मुंबई में सड़क बाधित करने के लिए 65 लोगों पर प्राथमिकी
एक अन्य मामले में महाराष्ट्र के नवी मुंबई शहर में दुर्घटना में एक मोटरसाइकिल सवार की मौत होने के बाद मुआवजे की मांग को लेकर सड़क बाधित करने के आरोप में 65 लोगों के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया है. एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी. उरण पुलिस थाने के अधिकारी ने बताया कि शनिवार को उरण में एक राजमार्ग पर मोटरसाइकिल और ट्रक की टक्कर हो गई, जिससे दोपहिया वाहन सवार 40 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई.
वह इलाके के मोथिजुई गांव का रहने वाला था. बाद में करीब 300 ग्रामीण घटनास्थल पर पहुंचे. उन्होंने व्यक्ति के शव को सड़क पर रख दिया और ट्रक मालिक से मुआवजे की मांग करते हुए तीन घंटे से अधिक समय तक 'रास्ता रोको' विरोध प्रदर्शन किया. अधिकारी ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने व्यस्त उरण-पनवेल राजमार्ग पर वाहनों का यातायात बाधित कर दिया. बाद में पुलिस ने जाम खुलवाया और शव को पोस्टमार्टम के लिए सरकारी अस्पताल भेजा गया.
उरण पुलिस थाने में एक कांस्टेबल की शिकायत के आधार पर, रविवार को आठ पहचाने गए व्यक्तियों और 57 अन्य के खिलाफ 341 (गलत तरीके से रोकना), 141, 143, 145 (गैरकानूनी तरीके से एकत्र होना) और 188 (लोक सेवक द्वारा दिए गए विधिवत आदेश की अवज्ञा) सहित भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं और मोटर वाहन अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया.