Maharashtra Blast: पुलिस ने महाराष्ट्र के नागपुर जिले में विस्फोटक बनाने वाली फैक्टरी में विस्फोट के संबंध में अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी. फैक्टरी में रविवार को हुए विस्फोट में नौ लोगों की मौत हो गयी तथा तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए. वहीं, आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) और आसूचना ब्यूरो (आईबी) मामले में तोड़फोड़ और आतंकी पहलू से घटना की जांच कर रहे हैं.


एटीएस कर रही है मामले की जांच
एटीएस के एक अधिकारी ने बताया कि महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) और आईबी के अधिकारियों ने रविवार और सोमवार को सोलर इंडस्ट्रीज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में विस्फोट स्थल का दौरा किया और गहन जांच की. उन्होंने फैक्टरी की दीवार, सीसीटीवी फुटेज और आगंतुकों के प्रवेश रिकॉर्ड की जांच की. उन्होंने कहा कि एटीएस घटना में आतंकी पहलू से भी जांच कर रहा है.


अधिकारियों ने बताया कि मामला दर्ज करने के बाद पुलिस ने कंपनी के सुपरवाइजर का बयान लिया. पुलिस ने कहा कि सुपरवाइजर के अनुसार, घटना के समय कंपनी के कास्ट बूस्टर हाउस में कुछ कर्मचारी और एक प्रशिक्षु सुपरवाइजर टीएनटी को छानने (जब विस्फोटक कच्चे माल को उपयोग से पहले छान लिया जाता है) का काम कर रहे थे.


पुलिस ने दर्ज किया बयान
पुलिस ने नागपुर निवासी पर्यवेक्षक प्रदीप अंबोले (30) का बयान दर्ज किया, जो घटना के समय ड्यूटी पर थे. अंबोले ने पुलिस को बताया कि वह आडे और लांजेवार नामक पैकिंग और लोडिंग ऑपरेटरों के साथ सुबह छह बजे से कंपनी के कास्ट बूस्टर हाउस में छनाई की ड्यूटी पर थे. प्राथमिकी में अंबोले के हवाले से कहा गया है, ‘‘सुबह पौने नौ बजे मैं शौचालय गया था. इससे पहले आडे और लांजेवार टीएनटी कार्यालय में एक बॉक्स रखने के लिए कास्ट बूस्टर हाउस से निकल गए थे जबकि अन्य कर्मचारी और एक प्रशिक्षु सुपरवाइजर टीएनटी की छनाई में लगे हुए थे. जब मैं शौचालय में अंदर था तो मैंने विस्फोट की आवाज सुनी.’’


पोस्टमॉर्टम और डीएनए विश्लेषण
प्राथमिकी के मुताबिक ढही हुई इमारत और मलबे से निकलते धुएं को देखने के लिए अंबोले शौचालय से बाहर निकले. सूत्रों ने कहा कि मृतकों की पहचान के लिए घटनास्थल से बरामद शवों के अवशेषों को पोस्टमॉर्टम और डीएनए विश्लेषण के वास्ते अलग-अलग पैकेट में यहां सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (जीएमसीएच) भेजा गया है. उन्होंने कहा कि मृतकों के अवशेषों को रिश्तेदारों को सौंपने से पहले फॉरेंसिक विश्लेषण के लिए भेजा जाएगा. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि विस्फोट स्थल से मलबा हटाने का काम जारी है.


शव के उड़ गए थे परखच्चे
अधिकारी ने बताया कि चक्दोह इलाके में स्थित ‘सोलर इंडस्ट्रीज’ फैक्टरी में तलाशी में जुटे दलों को विस्फोट स्थल से शवों के कई अंग मिले हैं. सूत्रों ने बताया कि मृतकों की पहचान के लिए शवों के हिस्सों को पोस्टमार्टम और डीएनए विश्लेषण के लिए सरकारी अस्पताल भेजा गया है. उन्होंने बताया कि पंचनामे के बाद पहचान के लिए अलग-अलग पैकेट में रखे गए शवों के हिस्सों का परिजनों के नमूनों से मिलान किया जाएगा. सूत्रों ने कहा कि पीड़ितों के अवशेषों को रिश्तेदारों को सौंपने से पहले फॉरेंसिक विश्लेषण के लिए भेजा जाएगा.


विपक्ष ने किया हंगामा
महाराष्ट्र में विपक्षी दलों के सदस्यों ने सोमवार को विधान परिषद में ‘सोलर इंडस्ट्रीज इंडिया’ पर श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में चूक का आरोप लगाया और औद्योगिक सुरक्षा विभाग के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. विपक्षी नेता अंबादास दानवे (शिवसेना-यूबीटी) ने जवाबदेही तय करने के लिए नागपुर के जिलाधिकारी से रिपोर्ट तलब करने और औद्योगिक सुरक्षा विभाग के संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. कांग्रेस के विधान परिषद सदस्य शशिकांत शिंदे ने फैक्टरी के सुरक्षा रिकॉर्ड के बारे में बात की. शिंदे ने कहा, ‘‘यह पहली बार नहीं है कि फैक्टरी में विस्फोट हुआ है. पहले भी ऐसी दो घटनाएं हो चुकी हैं.’’


मुआवजे का एलान
फैक्टरी द्वारा पीड़ितों को 20-20 लाख रुपये और राज्य सरकार द्वारा पांच-पांच लाख रुपये मुआवजे की घोषणा का जिक्र करते हुए शिंदे ने आश्चर्य जताया कि क्या सरकार निर्दोष लोगों के जीवन की ‘‘कीमत’’ लगा रही है. उन्होंने कहा, ‘‘कंपनी में लगभग 4,000 कर्मचारी दैनिक वेतन के आधार पर मात्र 10,000 रुपये प्रति माह पर काम कर रहे हैं.’’ उन्होंने कंपनी में काम कर रहे कर्मचारियों के लिये स्थायी रोजगार की मांग की. कोंढाली पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि विस्फोट की उच्च तीव्रता के कारण पीड़ितों के परखच्चे उड़ गए और इमारत ढह गयी. उन्होंने बताया कि खोज दलों ने अब तक घटनास्थल से शवों के 50 से अधिक अंग बरामद किए हैं.


इन धाराओं में केस दर्ज
कोंढाली पुलिस थाने के सहायक पुलिस निरीक्षक पंकज वाघोडे की शिकायत पर भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (ए) (लापरवाही से मौत) और 286 (विस्फोटक पदार्थ के संबंध में लापरवाही पूर्ण आचरण) के तहत अज्ञात लोगों के खिलाफ एक मामला दर्ज किया गया है. उन्होंने कहा, ‘‘जांच के दौरान आरोपियों की शिनाख्त की जाएगी.’’ यह विस्फोट उस समय हुआ जब श्रमिक ‘ट्राइनाट्रोटॉल्विन’ (टीएनटी) रसायन के उत्पादन और पैकेजिंग में लगे हुए थे. यह विस्फोटक सेना द्वारा इस्तेमाल में लाया जाता है.


क्या बोली पुलिस?
पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘वे कोयला खदान में विस्फोट में इस्तेमाल होने वाले बूस्टर में टीएनटी भरने के बाद इसकी पैकिंग कर रहे थे.’’ उन्होंने बताया कि विस्फोट इतना भयंकर था कि सुबह छह बजे से दोपहर दो बजे की पाली में काम कर रहे श्रमिकों के चिथड़े उड़ गए. इमारत भी ढह गयी और पीड़ित मलबे में दब गए. कुछ किलोमीटर दूर तक भी स्थानीय लोगों ने विस्फोट की आवाज सुनी. गुस्साए स्थानीय लोगों और मजदूरों के रिश्तेदारों ने विस्फोटक बनाने वाली कंपनी के नजदीक अमरावती-नागपुर राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया और परिसर में प्रवेश की मांग की ताकि वे अपने प्रियजनों के शवों को देख सकें.


पुलिस ने बाद में उन्हें शांत कराने की कोशिश की और भीड़ को तितर-बितर किया. एक अधिकारी ने बताया कि शवों का पता लगाने के लिए पुलिस ने घटना स्थल पर ड्रोन का इस्तेमाल किया और सबूत एकत्रित करने के लिए फॉरेंसिक दल के साथ ही बम निरोधक दस्ते को भी तैनात किया. पुलिस ने बताया कि यह फैक्टरी पेट्रोलियम तथा विस्फोटक सुरक्षा संगठन (पेसो) के तहत आती है और उसके अधिकारी घटना की जांच कर रहे हैं. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे रविवार रात को ही घटनास्थल पर पहुंचे और मृतकों के परिजनों से बात की. उन्होंने नगर निकाय, पुलिस और कंपनी के अधिकारियों से घटना के बारे में जानकारी ली है.


उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी घटनास्थल पर पहुंचे और मृतकों के रिश्तेदारों से बात की. फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजा देगी जबकि कंपनी प्रत्येक मृतक के परिवार को 20-20 लाख रुपये देगी. घटनास्थल का दौरा करने के बाद उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं.


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