Nagpur MLC Election Result 2023: इस सीट पर एमएलसी चुनाव के पहले राउंड में BJP को झटका, MVA के उम्मीदवार ने बनाई बढ़त
Nagpur MLC Election Result: महाराष्ट्र विधान परिषद की पांच सीटों पर हुए चुनाव के बाद दो फरवरी को वोटों की गिनती की जा रही है. पहले राउंड में नागपुर में एमवीए ने बढ़त बनाई हुई है. जानें ताजा रुझान.
Nagpur MLC Election Result 2023: महाराष्ट्र विधान परिषद की पांच सीटों के चुनाव के लिए वोटों की गिनती 2 फरवरी (गुरुवार) सुबह 8 बजे शुरू हुई. पांच परिषद सदस्यों का छह साल का कार्यकाल - तीन शिक्षकों से और दो स्नातक निर्वाचन क्षेत्रों से - 7 फरवरी को समाप्त हो रहा है और आगामी रिक्तियों को भरने के लिए 30 जनवरी को मतदान हुआ था. अब तक रुझानों में बता दें, नागपुर में एमवीए (महाविकास आघाडी) ने बढ़त बनाई हुई है.
नागपुर में पहले दौर की समाप्ति के बाद महाविकास अघाड़ी के सुधाकर अदबले आगे चल रहे हैं. अमरावती डिवीजन से महाविकास अघाड़ी उम्मीदवार धीरज लिंगाड़े आगे चल रहे हैं. मौजूदा विधायक और बीजेपी प्रत्याशी रंजीत पाटिल पीछे चल रहे हैं.
किसे कितने वोट मिले?
नागपुर संभाग शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र प्रथम दौर के आधिकारिक आंकड़े की अगर बात करें तो सुधाकर अदबले को 14069 वोट, नागो गनर को 6366 वोट, राजेंद्र जादे को 2742 वोट, सतीश को 60 वोट मिले हैं. पहले दौर के अंत में, सुधाकर अदबले, जिन्हें विदर्भ माध्यमिक शिक्षा संघ और महाविकास अघाड़ी का समर्थन प्राप्त था, 7,703 मतों से आगे चल रहे थे.
कौन कहां से लड़ रहा है चुनाव?
नासिक स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से शुभांगी पाटिल निर्दलीय चुनाव लड़ रहीं हैं.
कोंकण शिक्षक सीट पर बलराम पाटिल चुनाव लड़ रहे हैं.
औरंगाबाद शिक्षक सीट पर विक्रम काले (NCP) चुनाव लड़ रहे हैं.
सुधाकर अदबले नागपुर शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं.
अमरावती स्नातक सीट पर धीरज लिंगाडे (कांग्रेस) चुनाव लड़ रहे हैं.
बीजेपी ने अमरावती स्नातक सीट से रंजीत पाटिल और नागपुर, कोंकण और औरंगाबाद शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से क्रमशः नागोराव गनर, ज्ञानेश्वर म्हात्रे और किरण पाटिल को मैदान में उतारा है.
जितने के बाद क्या बोले ज्ञानेश्वर म्हात्रे
ज्ञानेश्वर म्हात्रे ने कहा, मुझ पर विश्वास करने वालों का विश्वास आज पूरा हुआ है. रवींद्र चव्हाण, उदय सामंत, दीपक केसरकर ने काफी मेहनत की थी. इसलिए यह जीत आसान थी. यह शिक्षकों, 33 यूनियनों की जीत है. जीत के बाद ज्ञानेश्वर म्हात्रे ने प्रतिक्रिया दी कि पहले दौर में आवश्यक कोटा पूरा कर लिया गया है. उन्होंने कहा, 'आजाद मैदान में धरना देकर और मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से मुलाकात करके सब्सिडी का मुद्दा सुलझा लिया गया. अब पेंशन के मुद्दे को सुलझाना है.' उन्होंने आरोप लगाया कि शिक्षकों का काम छह साल तक नहीं किया गया. इसके विपरीत मैंने साढ़े आठ हजार शिक्षकों, गैर-शिक्षण कर्मचारियों और संस्थानों का काम खुद किया है."