Nagpur Riots: औरंगजेब की कब्र को लेकर विवाद के बीच महाराष्ट्र के नागपुर के महाल इलाके में सोमवार (17 मार्च) शाम दो गुटों में हिंसक झड़प हो गई. इस दौरान उपद्रवियों ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया. पथराव किया और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया, जिससे स्थानीय लोगों में दहशत फैल गई. पत्थरबाजी से कई पुलिसवाले भी जख्मी हुए हैं. फिलहाल हालात नियंत्रण में हैं. इस बीच प्रत्यक्षदर्शियों हैरान करने वाला सच बताया है.


एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, "एक साथ बहुत सारे लोग आए थे. इनमें कोई दो पहिया वाहन से आए, तो कोई पैदल ही अलग-अलग गलियों से आए. उन लोगों ने अपने चेहरे ढके हुए थे. यहां आने के बाद उन्होंने बहुत तोड़फोड़ की, गाड़ियों को पूरी तरह से तोड़ दिया. पत्थरबाजी कर रही थे."


उनका कहना है कि उन्हें कुछ आईडी कार्ड (आधार कार्ड और पैन कार्ड) मिले हैं, जो वो पुलिस को सौंप देंगे. लोगों का कहना है कि जब हमला हुआ तो कुछ पुलिस वाले मौजूद थे, लेकिन हमलावरों की संख्या इतनी ज्यादा थी कि पुलिस वालों को भी अपने कदम पीछे लेने पड़े.






'8-10 गाड़ियों को किया आग के हवाले'
हंसपुरी इलाके के एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी और स्थानीय व्यक्ति ने बताया, "एक टीम यहां आई, उनके चेहरे दुपट्टों से छिपे हुए थे. उनके हाथों में धारदार हथियार, स्टिकर और बोतलें थीं. उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया, दुकानों में तोड़फोड़ की और पथराव किया. उन्होंने 8-10 वाहनों में भी आग लगा दी." 


पुलिस संदिग्धों की पहचान कर रही है- पुलिस कमिश्नर
नागपुर पुलिस कमिश्नर डॉ. रविंद्र सिंगल ने बयान जारी कर बताया कि फिलहाल स्थिति शांतिपूर्ण है और पुलिस संदिग्धों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार कर रही है. वहीं मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शांति की अपील की है. उन्होंने कहा कि नागरिक इस स्थिति में प्रशासन का पूरा सहयोग करें. 


मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लगातार पुलिस प्रशासन के संपर्क में हैं और नागरिकों को उनका सहयोग करना चाहिए. देवेन्द्र फडणवीस ने किसी भी अफवाह पर यकीन न करने और प्रशासन का पूरा सहयोग करने की अपील की है. 



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