Mumbai: महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले मराठवाड़ा सूखे को लेकर एकनाथ शिंद सरकार पर गंभीर आरोप लगाये हैं. उन्होंने शुक्रवार (15 सितंबर) को कहा कि राज्य सरकार मंत्रिमंडल की बैठक पर करोड़ों रुपये खर्च कर मराठवाड़ा में सूखे से प्रभावित लोगों के घावों पर नमक छिड़कने काम कर रही है. औरंगाबाद में 16 सितंबर को होने वाली कैबिनेट बैठक के बारे में मीडिया से बात करते हुए पटोले ने आरोप लगाया कि करदाताओं के पैसे पर मुख्यमंत्री, मंत्रियों और अधिकारियों को पांच सितारा होटल में ठहराया जा रहा है.
कांग्रेस नेता नाना पटोले ने कहा, 'यहां तक कि जब किसान मर रहे हैं, राज्य सरकार जनता के पैसे पर पांच सितारा विलासिता में लिप्त है. यह सिर्फ कुछ झूठे वादे करेगी और चली जाएगी.' उन्होंने कहा कि मराठवाड़ा में किसानों की आत्महत्याएं बढ़ रही हैं और मराठा आरक्षण की मांग भी तेज हो गई है. पटोले ने आरोप लगाया कि राज्य में, विशेषकर मराठवाड़ा में गंभीर स्थिति के बावजूद, मुख्यमंत्री, मंत्रियों और अधिकारियों को करदाताओं के पैसे का उपयोग करके एक भव्य पांच सितारा होटल में ठहराया जा रहा है.
'लाखों रुपये खर्च करना लोगों के घावों पर नमक छिड़कने जैसा'
पटोले ने सरकार पर असंवेदनशील होने का आरोप लगाते हुए कहा, 'जब लोग बढ़ती महंगाई से जूझ रहे हैं तो मंत्रिमंडल की बैठक पर लाखों रुपये खर्च करना मराठवाड़ा में लोगों के घावों पर नमक छिड़कने जैसा है.' उन्होंने कहा, 'यदि औरंगाबाद में कैबिनेट की बैठक मराठवाड़ा के लोगों की चिंताओं को दूर करने के लिए हो रही है, तो यह एक स्वागत योग्य कदम है. लेकिन इसके लिए दिखावा क्यों किया जा रहा है? औरंगाबाद में पिछली कैबिनेट बैठकों के दौरान, सभी मुख्यमंत्री सरकारी गेस्टहाउस में ठहरे.'
सरकार सिर्फ करती है दिखावा- नाना पटोले
पांच सितारा होटलों में ठहरने पर सवाल खड़े करते हुए नाना पटोले ने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सबसे शानदार और 'स्टार रेटेड' होटल में रहेंगे और उपमुख्यमंत्री, राज्य के मंत्रियों और अधिकारियों के लिए भी बुकिंग की गई है. पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ने सवाल किया, 'होटल में ठहरने और अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए वाहनों जैसी अन्य व्यवस्थाओं पर करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं. इस तरह की फिजूलखर्ची की कोई आवश्यकता नहीं थी. वे मराठवाड़ा के लोगों के मुद्दों को समझने के लिए एक सामान्य सरकारी गेस्टहाउस में क्यों नहीं रह सकते?' उन्होंने कहा कि सरकार को लोगों की मदद करने में कोई दिलचस्पी नहीं है और वे सिर्फ दिखावा करना चाहते हैं.
नाना पटोले ने कहा कि मराठा आरक्षण पर पिछली बैठक की तरह, मुख्यमंत्री अपने मंत्रिमंडल के साथ औरंगाबाद जाएंगे और 'एक बैठक करेंगे, बोलेंगे और फिर मराठवाड़ा के लोगों से खोखले वादे करके चले जाएंगे.' उन्होंने कहा, 'मराठवाड़ा में भयंकर सूखा है. क्षेत्र के हर जिले में लगभग सभी मानसूनी फसलें बर्बाद हो गई हैं. किसानों को भारी नुकसान हुआ है, लेकिन सरकार ने इन किसानों को कोई सहायता नहीं दी है. सरकार द्वारा घोषित प्याज सब्सिडी वितरित नहीं की गई है.'
'सरकार कार्यक्रमों में कर रही जनता का पैसा बर्बाद'
महाराष्ट्र के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले ने आरोप लगाया कि सरकार का दावा है कि उनके पास अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान करने के लिए धन नहीं है. सरकारी कर्मचारियों के वेतन पर बढ़ते खर्च का हवाला देते हुए, उसने न्यूनतम वेतन पर अनुबंधित श्रमिकों को काम पर रखने का फैसला किया है. कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, 'इन सब के बावजूद, सरकार अपनी उपलब्धियों को प्रदर्शित करने के लिए कार्यक्रम आयोजित करके जनता का पैसा बर्बाद कर रही है. इस असंवेदनशील सरकार ने विज्ञापन कार्यक्रमों पर पैसा खर्च किया है और अब यह कैबिनेट बैठकों पर जनता का पैसा बर्बाद करेगी.'
नेता विपक्ष ने राज्य सरकार पर लगाये ये आरोप
इस बीच, विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने सवाल किया कि क्या विधायक और राज्य सरकार के अधिकारी पर्यटक के रूप में औरंगाबाद का दौरा कर रहे हैं. उन्होंने दावा किया, 'मराठवाड़ा सूखे से जूझ रहा है. मुख्यमंत्री, दोनों उपमुख्यमंत्रियों, मंत्रियों और अधिकारियों के लिए पांच सितारा होटलों में बुकिंग की गई है, जहां एक समय के भोजन की कीमत 1,500 रुपये है. यात्रा के लिए कई कारें किराए पर ली गई हैं.'
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