Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में हाल के दिनों में हुईं हिंसक घटनाओं को लेकर महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने राष्ट्रपति से वर्तमान महाराष्ट्र सरकार को बर्खास्त करने और राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की मांग की है. महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने कहा कि जिस तरह से महाराष्ट्र में बार-बार धार्मिक दंगल हो रहे हैं उसे देखते हुए हमारी राष्ट्रपति जी से मांग है कि यह सरकार बर्खास्त की जाए और राष्ट्रपति शासन लगाया जाए क्योंकि यहां की कानून व्यवस्था बिगड़ी हुई है.
रविवार (11 जून) को विपक्षी दलों ने दावा किया कि पुलिस ने वरकरियों (भगवान विठ्ठल के भक्तों) पर लाठीचार्ज किया. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले और महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने दावा किया कि वरकरियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया और उन्होंने इस घटना की निंदा की. विपक्ष ने इसकी उच्च स्तरीय जांच और कड़ी कार्रवाई की मांग की. यह घटना उस वक्त हुई जब भक्त आलंदी शहर में संत ज्ञानेश्वर महाराज समाधि मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे.
हाल के दिनों में महाराष्ट्र के अलग-अलग हिस्सों से हिंसा की खबरें आई हैं. महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले में तनाव देखने को मिला था. औरंगजेब को लेकर सोशल मीडिया पर डाली गई पोस्ट के बाद कोल्हापुर में हिंसा भड़क गई. इस पोस्ट के बाद महाराष्ट्र में हिंदू संगठनों के लोग सड़कों पर उतर आए और पत्थरबाजी की और आरोपियों पर कार्रवाई करने की मांग की. दरअसल इस सोशल मीडिया स्टेटस में औरंगजेब की तारीफ की गई थी. हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए कोल्हापुर में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं और 19 जून तक धारा 144 लागू कर दी गई है. वहीं औरंगजेब को लेकर सोशल मीडिया पोस्ट डालने वाले दोनों नाबालिगों को एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया है.
इससे पहले 6 जून को महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के संगमनेर शहर में भी हिंसा देखने को मिली थी. यहां एक टेंपो चालक को जब निकलने की जगह नहीं मिली तो उसकी स्थानीय दुकानदारों के साथ बहस हो गयी. टेंपो चालक उस समय तो वहां से चला गया इसके बाद वह 15-16 लोगों के साथ लौटा और स्थानीय दुकानदारों से मारपीट की.
ऐसी ही एक घटना 14 मई को अहमदनगर में छत्रपति संभाजी महाराज की जयंति के अवसर पर निकाले गए जुलूस के दौरान हुई थी. जुलूस के समय लगाए गए नारे इस झगड़े की वजह बने थे. 13 मई को अकोला में भी हिंसा का मामला सामने आया था. यहां पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ एक आपत्तिजनक सोशल मीडिया पोस्ट के बाद दो समुदायों के सदस्यों के बीच हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी जबकि दो पुलिसकर्मी समेत आठ अन्य लोग घायल हुए थे.
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